हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का काफी महत्व है. देशभर में इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कार्तिक पुर्णिमा का दिन काफी शुभ माना जाता है जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का काफी महत्व है. मान्यता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है.
इस दिन को देव दिवाली के तौर पर भी मनाया जाता है. दरअसल आज ही के दिन भगवान शिव ने त्रिपासुर का वध किया था. इसकी खुशी में सभी देवताओं ने सैंकड़ों दिए जलाकर दिवाली मनाई थी. इसके बाद से ही इस दिन को देव दिवाली के रूप मनाया जाता है. इसके अलावा 12 नवंबर का ये दिन खास इसलिए भी है क्योंकि आज ही के दिन गुरुनानक जयंती है. आज गुरुननाक की 550वीं जयंती है जिसे सिख काफी धूमधाम से मनाते हैं.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में करतापुर की तरह और भी हैं ऐसे गुरुद्वारे, जो सिखों के पवित्र स्थलों में सबसे ऊपर हैं
क्या है कार्तिक पूर्णिमा का मुहूर्त
कार्ति पूर्णिमा तिथि शुरू- 11 नवंबर शाम 06.02 से 12 नवंबर शाम 7 बजे तक
यह भी पढ़ें: Guru Nanak Birth Anniversary 2019: इन संदेशों के साथ दें गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें?
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का काफी महत्व है. ऐसे में अगर संभव हो तो सुबह नदी में स्नान जरूर करें. अगर ऐसा न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करे.
इस दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ने का विशेष महत्व होता है
इस दिन शाम को भगवना विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं और यथा शक्ति दान करें.
इस दिन तुलसी के सामने दीपक भी जलाया जाता है.