Karva Chauth 2024: करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन स्त्री के लिए खास होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं. इस व्रत में विशेषकर करवा और पूजा की थाली का महत्व होता है. कई लोग यह सवाल पूछते हैं कि क्या हर साल करवा चौथ पर नई पूजा की थाली और करवा खरीदना चाहिए, या पुराने का उपयोग भी किया जा सकता है. इस बारे में शास्त्रों और मान्यताओं में क्या कहा गया है इसे समझना आवश्यक है.
शास्त्रों के अनुसार क्या है मान्यता
शास्त्रों में यह कहीं नहीं लिखा है कि करवा चौथ पर हर साल नई पूजा की थाली और करवा ही इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप चाहें तो पिछले साल की पूजा थाली और करवा का भी उपयोग कर सकते हैं. इसका कोई दोष या नकारात्मक प्रभाव नहीं माना गया है. करवा चौथ में पूजा की थाली और करवा प्रतीकात्मक होते हैं. करवा का उपयोग इस व्रत में जल अर्पण के लिए होता है जो जीवन की स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है. पूजा की थाली में दीपक, चावल, कुमकुम, मिठाई आदि रखे जाते हैं जिनसे पूजा संपन्न होती है. इसीलिए करवा और थाली का महत्व विधि-विधान के अनुसार पूजा करने में है न कि इसे हर साल बदलने में.
नई थाली और करवा खरीदने की परंपरा
कई परिवारों में नई थाली और करवा खरीदने की परंपरा होती है. इसे शुभ और नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है. अगर आप चाहें तो हर साल नई थाली और करवा खरीद सकते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से आपकी श्रद्धा और इच्छा पर निर्भर करता है यह कोई अनिवार्य नियम नहीं है. कुछ परिवारों में पुरानी पीढ़ियों से चले आ रहे करवा और थाली का भी उपयोग होता है. यह एक प्रकार की परंपरा का हिस्सा है, जिसमें उसी करवा और थाली का उपयोग किया जाता है जो पूर्वजों से प्राप्त होते हैं. यह श्रद्धा और परंपरा का प्रतीक है और इसका भी महत्व बहुत है.
शास्त्रों में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि करवा चौथ पर हर साल नई पूजा की थाली और करवा खरीदना अनिवार्य है. अगर आप चाहें तो पुराने करवा और थाली का उपयोग कर सकते हैं, और अगर नई वस्त्रों या थालियों को खरीदने की आपकी इच्छा या परंपरा हो तो वह भी शुभ माना जाता है. इसका निर्णय पूरी तरह से व्यक्ति की श्रद्धा और परंपराओं पर आधारित होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)