Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का व्रत बस अब आने ही वाला ही है. इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दैरान सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर रात में चंद्रमा देखने तक बिना पानी पिए व्रत रखती हैं और अपने-अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. .यूं तो इस पर्व को पहले सिर्फ पंजाबी समुदाय के लोग करते थे मगर धीरे-धीरे इसका चलन बढ़ते गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ का व्रत सबसे पहले किसने रखा था? तो आइए जानते हैं किसी महिला ने सबसे यह व्रत रखा था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब अर्जुन ध्यान करने के लिए नीलगिरी गए, तो द्रौपदी चिंतित हो गईं और उन्होंने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भगवान कृष्ण से मदद मांगी. उसके बाद कृष्ण ने उन्हें अर्जुन के लिए उपवास करने की सलाह दी थी, जैसे पार्वती ने अपने पति शिव के लिए किया था. पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की कथा वीरावती से जुड़ी है, जो अपने पति से बहुत प्यार करती थी. वीरावती के सात भाई थे जो उसे निस्वार्थ रूप से लाड़-प्यार करते थे और एक दिन वीरावती ने अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखने का फैसला किया जब वह अपने घर आई हुई थी लेकिन कमजोरी के कारण वह भूख सहन नहीं कर सकी और बेहोश हो गई.
उसके भाई उसे इस तरह नहीं देख सके और उससे खाने के लिए विनती करने लगे लेकिन वीरावती ने उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया और कहा कि वह चंद्रमा के निकलने का इंतजार कर रही थी. यह सुनकर, भाइयों ने वीरावती को धोखा देने के लिए पीपल के पेड़ पर चढ़ने और एक छलनी के पीछे एक लौ रखने का फैसला किया, ताकि वह सोचे कि चंद्रमा निकल गया है और उसका व्रत टूट जाएगा.
दुर्भाग्य से, जैसे ही उसने चंद्रमा को देखे बिना व्रत तोड़ा, उसके पति की मृत्यु हो गई. वह यह खबर सहन नहीं कर सकी और गमगीन हो गई, लेकिन तभी इंद्र की पत्नी इंद्राणी उसे सांत्वना देने पहुंची और उसे साल भर हर महीने व्रत रखने की सलाह दी ताकि उसका पति जीवित वापस आ सके.
आखिरकार अंत में उसका पति वापस आ गया. इसलिए, विवाहित हिंदू महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं और इस दिन अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए शिव, पार्वती, गणेश और करवा माता से प्रार्थना करती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau