Kedarnath Dham: पूरे देश में भाई दूज का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक होता है. पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है. वहीं इस मौके पर उत्तराखंड के चार धामों और पंच केदारों में से एक है भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज यानी 15 नवंबर को बंद कर दिए गए हैं. भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज गुरुवार सुबह 8:30 बजे बंद हो गए हैं. जी हां, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए भक्तों को अब 6 महीने का इंतजार करना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भाई दूज के मौके पर ही केदारनाथ धाम के कपाट क्यों बंद किए जाते हैं? अगर नहीं, तो आइए इस बारे में आज हम आपको विस्तार से बताएंगे.
कपाट बंद होते ही यात्रा पर लग जाता है विराम
भाई दूज से लेकर शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट पूरे छह माह के लिए बंद कर दिए जाते हैं. इन 6 महीनों के दौरान ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा के दर्शन कर सकते हैं. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर तक लाया जाता है.
आखिर भैया दूज पर ही क्यों बंद होते हैं केदारनाथ धाम के कपाट?
प्रत्येक वर्ष भैया दूज के मौके पर ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते हैं. इसको लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित है. एक पौराणिक कथाओं के अनुसार, युद्ध के बाद पांडवों ने अपने पित्रों का कर्मकांड किया और भैयादूज पर ही उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई. एक दूसरा कारण यह भी है कि भैया दूज से ही शीतकाल शुरू हो जाती है. इसलिए इसी दिन से पूरे विधि-विधान के साथ बाबा केदार के कपाट बंद किए जाते हैं.
2024 में कब खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट
बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन हर वर्ष शिवरात्रि पर तय किया जाता है जिसका फैसला पुजारियों द्वारा लिया जाता है. आपको बता दें कि साल 2023 में बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल 2023 को खुले थे.
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Source : News Nation Bureau