झाडू (broom) आसानी से हर घर में मिल जाती है. ये घर की साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल की जाती है. लेकिन, बहुत ही कम लोग इसका मर्म जानते हैं. जिसकी वजह से वे इसका सही और सार्थक इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. झाड़ू को लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा जाता है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि झाड़ू (broom tips) को मां लक्ष्मी का ही स्वरूप क्यों कहा जाता है. जब गंदगी बाहर जाती है. तब अपने आप ही स्वच्छता, पवित्रता और धन संपदा अंदर आ जाती है. जब दरिद्रता (spiritual uses of broom) बाहर जाती है तभी मां लक्ष्मी प्रवेश करती हैं. इसलिए, लक्ष्मी माता के स्वरूप में झाड़ू (broom benefits) को माना गया है.
झाड़ू के आकार (broom buying tips) की बात करें तो ये पेड़ की पत्तियों, सींकों का संयुक्त रूप होती है. जब पूरी एकाग्रता के साथ उसको बांध दिया जाता है. तब वो गंदगी को साफ करने के लिए तैयार हो जाती है. यानी एकता में ही बल है. अगर एकता नहीं है तो देश, समाज, क्षेत्र एवं घर से गंदगी साफ नहीं हो पाएगी. वास्तु की मानें तो घर की सुख-समृद्धि में इसका एक अहम रोल होता है. जिस घर में झाड़ू का ध्यान रखा जाता है. वहां सकारात्मकता पाई जाती है. झाड़ू को लेकर कुछ विशेष बातें ध्यान रखने (jhadu kab khride) वाली हैं.
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घर में झाड़ू को कभी भी खड़ा करके न रखें, झाड़ू को हमेशा लिटा कर रखें.
अगर कोई इंसान आपके घर से बाहर जाए तो उसके जाते ही झाड़ू नहीं लगानी चाहिए. ऐसे में कम से कम आधे घंटे बाद ही झाड़ू लगाएं.
झाड़ू पर पैर लगने से महालक्ष्मी का अनादर होता है, इसलिए जब भी झाड़ू पर धोखे से पैर लगे तो तुरंत भाव के साथ उसे प्रणाम करना चाहिए और क्षमा मांगनी चाहिए.
झाड़ू को लेकर हमेशा एक बात याद रखें कि उसे कभी जलाना नहीं चाहिए.
अगर आप नई झाड़ू खरीदना चाहते हैं तो शनिवार को ही खरीदें. साथ ही, शनिवार को घर में नई झाड़ू का उपयोग करना बहुत शुभ माना जाता है यानी पुरानी झाड़ू को बदलना हो तो शनिवार के दिन ही बदलना चाहिए.