Kendradhipati dosh 2023 : ज्योतिष शास्त्र में किसी भी व्यक्ति की कुंडली , उसके जन्म तिथि, उसके नाम, जन्म समय और स्थान से बनाई जाती है. जिसके आधार पर उसकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति के बारे में पता लगाई जाती है. अब इसी के माध्यम से दोष भी जाना जाता है. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मौजूद गुण और दोष जातक की जीवन में खास प्रभाव लेकर आते हैं. वहीं कुंडली में मौजूद अशुभ ग्रह दोष का निर्माण करता है. जिससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं आती है. अब इन्ही में से एक दोष केंद्राधिपति दोष है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में केंद्राधिपति दोष के बारे में बताएंगे, साथ ही इसका प्रभाव क्या है और अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कौन से उपाय करना शुभ होता है.
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जानें क्या होता है केंद्राधिपति दोष
किसी व्यक्ति की कुंडली में इस दोष का निर्माण तब होता है, जब शुभ ग्रह जैसे कि गुरु, शुक्र, बुध या शुक्ल पक्ष चंद्रमा जैसे लाभकारी ग्रह केंद्र भाव के स्वामी बन जाते हैं और ऐसी मान्यता है कि केंद्र भाव के स्वामी और त्रिकोण भाव के स्वामी हमेशा शुभ होते हैं. वहीं इस दोष का निर्माण का कारण बुध और चंद्रमा भी है.
जानें क्या केंद्राधिपति दोष का प्रभाव
यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां लेकर आता है. जैसे कि आर्थिक स्थिति, करियर में परेशानी, मान-सम्मान में हानि जैसे कई प्रभाव शामिल हैं.
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केंद्राधिपति दोष से बचने के लिए करें ये उपाय
1. ज्योतिष शास्त्र ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में केंद्राधिपति दोष है. तो उसे भगवान शिव की पूजा विधि-विधान के साथ करनी चाहिए.
2. प्रतिदिन मंदिर में 11 बार “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जाप जरूर करना चाहिए.
3. 21 बार “ॐ नमो नारायण” मंत्र का जाप करने से इस दोष के प्रभाव से आपको कुछ समय के लिए छुटकारा मिल जाएगा.