Kharmas 2021 date: मार्गशीर्ष और पौष मास के अंदर हर साल खरमास आता है. सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है. ज्योतिषविदों के अनुसार, खरमास में शादी-विवाह, सगाई, मुंडन और भवन निर्माण जैसे मंगल कार्य रुक जाते हैं. 16 दिसंबर यानि कल से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश होते ही खरमास आरंभ हो जाएगा. इसका समापन 14 जनवरी को होगा. तब तक सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति धनु राशि का स्वामी होता है. बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है. ऐसा होने के कारण लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में पहुंच जाता है. इस राशि में सूर्य के मलीन होने के कारण इसे मलमास का नाम दिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र होने लगता है. सूर्य के कमजोर स्थिति में आने के कारण इस माह शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है.
खरमास की कथा (Kharmas Katha)
खरमास की पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव अपने सात घोड़ों पर सवार होकर ब्रह्मांड के चक्कर लगाते हैं. इस परिक्रमा के कारण सूर्य कहीं नहीं रुकते हैं, लेकिन रथ से जुड़े घोड़े विश्राम न मिलने की वजह से थक जाते हैं. यह देख सूर्यदेव भावुक हो उठते हैं. घोड़ों को पानी पिलाने के लिए एक तालाब के पास ले जाते हैं. तभी सूर्यदेव को ऐसा होता है कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा.
सूर्यदेव जब तालाब के करीब पहुंचते हैं तो उन्हें यहां पर खर (गधे) दिखाई देते हैं. सूर्य अपने घोड़ों को पानी पीने के लिए तालाब में छोड़ देते हैं और रथ से खर को जोड़ लेते हैं. खर बड़ी कठिनाई से सूर्यदेव का रथ खींच पाते हैं. इस दौरान रथ की गति कम हो जाती है. सूर्यदेव बड़ी मुश्किल से पूरा चक्कर लगा पाते हैं, लेकिन इस बीच उनके घोड़े विश्राम कर चुके होते हैं. इसलिए सूर्य का रथ एक बार फिर अपनी गति पर लौट आता है. ऐसा कहा जाता है कि हर साल खरमास में सूर्य के घोड़े आराम करते हैं.
Source : News Nation Bureau