भादो के महीने में पड़ने वाली एकादशी तिथि को अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2022) के नाम से जाना जाता है. इस बार भाद्रपद महीने की पहली एकादशी 23 अगस्त को पड़ रही है. एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. माना जाता है कि अजा एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत रखने से भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलता है. साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2022 lord vishnu) के दिन श्रीहरि का नाम जपने से पिशाच योनि का भय नहीं रहता है. यूं तो एकादशी तिथि को हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्पूर्ण माना गया है लेकिन भाद्रपद की एकादशी का महत्व सर्वोत्तम है. जिसके पीछे का कारण यह है कि भादों माह में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. जिसमें श्री कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा होती है.
यह भी पढ़े : Aja Ekadashi 2022 Katha: अजा एकादशी के दिन पढ़ेंगे ये कथा, सारे पाप हो जाएंगे नष्ट
वहीं, एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके अलावा ये भाद्रपद माह भी श्री कृष्ण को समर्पित होता है. श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आंठवा अवतार माना जाता है. यही कारण है कि जो लोग एकादशी का व्रत (Aja Ekadashi 2022 vrat) रखते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है. ऐसे में भादों माह की अजा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु और श्री कृष्ण दोनों का ही विशेष आशीर्वाद मिलता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अजा एकादशी के दिन श्रीहरि का नाम जपने से पिशाच योनि का भय नहीं रहता है. इस दिन कुछ कामों को करने के लिए मना किया जाता है. साथ ही इस दिन के महत्व के बारे में भी जान लें.
यह भी पढ़े : Astrology For House: कुंडली में मौजूद ये एक योग बना सकता है आपको भव्य भवन का मालिक
अजा एकादशी 2022 न करें ये काम - (Aja Ekadashi 2022 Donts)
अजा एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए.
एकादशी के दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए.
अजा एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए.
अजा एकादशी का व्रत रखने के दौरान रात को सोना नहीं चाहिए.
इस दिन व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति, मंत्र-जाप और जागरण करना चाहिए.
अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए.
अजा एकादशी 2022 महत्व -
हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जो भक्त विधि-विधान से इस व्रत को करते हुए रात्रि जागरण करते हैं. उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में वे स्वर्गलोक को प्राप्त होते हैं. इसके अलावा अजा एकादशी की कथा को सुनने मात्र से भक्तजनों को अश्वमेध यज्ञ का (Aja Ekadashi 2022 significance) फल प्राप्त होता है.