आज मंगलवार का दिन भगवान शिव के रुद्रावतार और श्री राम के परम भक्त हनुमान जी (lord hanumaan) को समर्पित है. आज के दिन प्रात: स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें और हनुमान जी की पूजा करें. उसके बाद हनुमान जी को लाल पुष्प, चंदन, अक्षत्, धूप, गंध, मिठाई, फल आदि अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा की (Bajrang Baan Paath) जाए तो वे बहुत ही जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
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कलयुग में हनुमान जी ही एक ऐसे देवता हैं, जो धरती पर मौजूद हैं. माना जाता है कि जीवन के किसी परेशानी (bajrang baan path ke niyam) या संकट से बाहर निकलने के लिए या फिर विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए आज के दिन बजरंग बाण (bajrang baan rules) का पाठ किया जाता है. तो, चलिए इस पाठ को करने के लाभ, विधि और नियम जान लें.
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बजरंग बाण पाठ करने के लाभ - (Bajrang Baan Path Benefits)
मंगलवार के दिन नियमित रूप से पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को कभी कोई गंभीर रोग नहीं सताता. इसके साथ ही, वे हर प्रकार के रोग और दोषों से मुक्त रहता है.
बजरंग बाण का प्रतिदिन पाठ करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. साथ ही हर कार्य में सफलता मिलती है.
परिवार के सुख, समृद्धि और उन्नति के लिए भी आप बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं.
अगर आपको हमेशा मन में डर बना रहता है. अकारण ही आप भयभीत रहते हैं, तो हनुमान जी आपके सभी डर को दूर करने में सक्षम हैं. आपको बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.
यदि आपके कार्यों में बाधा आती है. आपका कार्य फंस जाता है, तो आपको बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. हनुमान जी सभी कार्यों को सिद्ध करते हैं.
बजरंग बाण पाठ करने के नियम - (bajrang baan path niyam)
1) पाठ के दिनों में दौरान विशेष रूप से लाल रंग के कपड़े धारण करें.
2) आपको जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना आवश्यक है.
3) बजरंग का बाण पाठ करते समय ध्यान रखें कि शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए.
4) अगर आप किसी विषेश मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो कम से कम 41 दिनों तक ये पाठ नियमपूर्वक करें.
5) आपको जितने दिन तक बजरंग बाण का पाठ करना हो उतने दिनों में ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना आवश्यक है.
6) जितने दिन भी आपको बजरंग बाण का पाठ करना हो, उतने दिनों तक किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
7) आपने जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लिया है. उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें. अगर आप गिनती याद रख सकते हैं तो बिना माला के भी जाप कर सकते हैं.