Temple Going Benefits and Niyam: मंदिर जाने के ये फायदे हैं चमत्कारी, मिलती है मानसिक शांति और दूर होती है हर परेशानी

मंदिर जाकर पूजा-पाठ करने की परंपरा सालों से चली आ रही है. मंदिर में जाने का धार्मिक कारण तो है ही साथ ही इसका साइंटिफिटक कारण (Benefits of Going Temple) भी है जिसके बारे में शायद ही आप नहीं जानते होंगे.

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Megha Jain
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Mandir Going Benefits and Niyam

Mandir Going Benefits and Niyam ( Photo Credit : social media)

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हिंदू धर्म में मंदिर (Temple Importance) जाने और पूजा-पाठ करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. जो कि आज तक कायम है. इसका भी एक विशेष महत्व (Mandir ke Darshan) होता है. हर घर में रोजाना सुबह-शाम देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. कई लोग घर पर ही पूजा कर लेते हैं. लेकिन, मंदिर नहीं जाते. अगर मंदिर (Benefits of Temple Darshan) जाना भी होता है तो, किसी विशेष पर्व-त्योहार पर जाते हैं. या फिर जब वे किसी मुसीबत में फंसे होते हैं, तब भगवान के सामने माथा टेकने जाते हैं. लेकिन, जो लोग मंदिर नहीं जाते वे मंदिर जाने के फायदों के बारे में नहीं जानते. मंदिर में जाना धार्मिक कारण तो है ही साथ ही इसका साइंटिफिटक कारण भी है जिसके बारे में शायद ही आप नहीं जानते होंगे. तो, चलिए मंदिर जाने के फायदों (Benefits Of Going Temple) के बारे में जान लें.  

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मंदिर जाने के फायदे - 

मंदिर जाने से सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार -

मंदिर का निर्माण वास्तु के अनुसार किया जाता है. मंदिर में धूप-दीप जलाए जाते हैं और शंख व घंटियों की ध्वनि भी आती है. जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है और मन-मस्तिष्क को शांति मिलती है. इससे मंदिर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और नकारात्मकता दूर होती है. यही वजह है कि मंदिर जाने वाला व्यक्ति स्‍वयं भी सकारात्‍मकता का संचार महसूस (special festival Temple) करने लगता है.   

मंदिर में देवी-देवताओं का वास -

मंदिरों की मूर्तियों में भगवान साक्षात वास करते हैं. क्योंकि पुरोहित द्वारा मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा से पूजा की जाती है, जो कि घर पर करना संभव नहीं हो पाता है. मंदिर में प्रार्थना, ध्यान, कीर्तन, यज्ञ, पूजा, आरती, शंख, घंटियां आदि जैसी चीजें होती है. जिससे मंदिर का वातावरण धार्मिक हो जाता है. इसलिए, मंदिर जाने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति की परेशानी (mandir kyu jana chahiye) कम हो जाती है.  

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मंदिर जाने से सोच होती है सकारात्मक -

मंदिर जाने से लोगों की सोच सकारात्मक हो जाती है. इससे उसे अपनी रोजमर्रा की समस्‍याओं से निपटने में आसानी होती है. इसके अलावा भगवान के प्रति विश्‍वास उसका खुद पर भी विश्‍वास बढ़ाता है और इसी की दम पर वह बड़ी से बड़ी चुनौती को पार कर जाता है. इसी विश्‍वास के दम पर वह बड़े-बड़े सपने देखता है और उन्‍हें पूरा करता है.

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मंदिर जाने के नियम - 

मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करना शुभ माना जाता है. लेकिन, मंदिर जाने के भी कुछ नियम होते हैं. जिनका पालन सबको करना चाहिए. मंदिर के अदर कभी भी नीले या काले रंग के कपड़े पहनकर ना जाएं. क्योंकि शुभ काम के लिए ये रंग अच्छे नहीं माने जाते हैं. इसके साथ ही बिना स्नान किए भी मंदिर नहीं जाना चाहिए. ऐसा करना गलत होता है. वहीं महिलाओं को भी पीरियड्स के दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए. मंदिर में प्रवेश करते समय प्रवेश करते समय सिर को जरूर ढकना चाहिए. पुरुष रूमाल ,गमछा वगैराह से सिर ढक सकते हैं तो वहीं महिला स्टॉल, चुन्नी या पल्लू से सिर (temple going niyam) को ढ़क लें.     

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