हिंदू धर्म में हर त्योहार और व्रत का खास महत्व होता है. इन्हीं में से एक मासिक शिवरात्रि (masik shivratri 2022) भी है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Bhadrapada shivratri 2022) का व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत 25 अगस्त, गुरुवार (Bhadrapad Shivratri 2022 Date) को रखा जाएगा. इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करते हैं.
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माना जाता है कि प्रत्येक महीने की शिवरात्रि (Bhadrapada masik shivratri 2022) को व्रत रखने और विधि पूर्वक पूजन करने से भगवान शिव अपने भक्तों के जीवन में खुशियां भर देते हैं. इसके साथ ही शिव जी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस दिन व्रत करने से भक्तों के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन व्रत और पूजन करने से भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी विशेष कृपा होती है. तो, चलिए इस दिन की पूजा विधि के बारे में जानते हैं. साथ ही इस शिवरात्रि कुछ खास योग भी बन रहे हैं. तो, चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं.
मासिक शिवरात्रि 2022 शुभ योग - (Bhadrapada Shivratri 2022 shubh yog)
हिंदू पंचांग के अनुसार, 25 अगस्त भाद्रपद मास की मासिक शिवरात्रि पर 3 शुभ योग रहेंगे. जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, गुरु पुष्य और अमृत सिद्धि योग एक साथ बन रहे हैं. ये तीनों ही योग सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर एक साथ प्रारंभ होंगे और शाम 04 बजकर 16 मिनट पर एक साथ ही समाप्त होंगे. ये तीनों ही योग कार्यों में सफलता प्रदान करने वाले हैं. इन शुभ योगों में पूजा करके आप शिव कृपा से अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. इस दिन का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. इस दिन भद्रा भी लग रही है. भद्रा का समय सुबह 10 बजकर 37 मिनट से सुबह 11 बजकर 33 मिनट तक है. इस समय में कोई भी शुभ कार्य न करें. इसे अशुभ समय माना जाता है.
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मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा विधि -
मासिक शिवरात्रि के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठना चाहिए. उसके बाद स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनकर घर में दीप प्रज्वलित करें. अगर आपके घर में शिवलिंग है तो, उसका गंगा जल, दूध आदि से अभिषेक करें. उसके बाद पूजा के दौरान शिव जी को बेल पत्र चढ़ाएं. इस दिन शिव जी के साथ-साथ माता पार्वती की भी पूजा-अर्चना करें. उसके बाद भगवान भोलेशंकर और मां पार्वती को भोग लगाएं. पूजा के दौरान ''ऊॅं नम: शिवाय'' मंत्र का जाप करें. अंत में शिव जी की आरती (Bhadrapada Shivratri 2022 puja vidhi) करके व्रत को पूरा करें.