आज 15 मार्च यानी मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत (pradosh vrat 2022) रखा जाएगा. मंगलवार होने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है. भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के हनुमान जी की पूजा भी की जाती है. इस दिन बजरंग बली का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2022) पड़ रहा है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. तो, चलिए प्रदोष व्रत की पूजन सामग्री और विधि (pradosh vrat vidhi and samagri) के बारे में जानते हैं.
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प्रदोष व्रत पूजन सामग्री
भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री अर्पित (15 march 2022 bhaum pradosh vrat) करें.
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प्रदोष व्रत पूजन विधि
भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान वगैराह के बाद साफ कपड़े पहनें. इसके बाद भोले शंकर का ध्यान करें और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. अगर संभव हो सके तो इस दिन व्रत करें. शिवलिंग पर गंगा जल, पुष्प अर्पित करें. इस दिन विधि-विधान के साथ ही मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है. लेकिन पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा (pradosh vrat pujan vidhi) से ही करें. उसके बाद भोलेनाथ को भोग लगाएं. भोग लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिव को सिर्फ सादे भोजन का ही भोग लगाएं. आखिर में भगवान शिव की आरती और मंत्र जाप करें. इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान का ध्यान करें.