चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इसकी शुरुआत 2 अप्रैल से हो चुकी थी. अब, अगले नौ दिन यानी कि 11 अप्रैल तक लोग श्रद्धा-भक्ति से व्रत रखेंगे. जहां आज मां कूष्मांडा (maa kushmanda) की पूजा की जा रही है. वहीं कल यानी की चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता (chaitra navratri 2022 5th day puja) की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाएगी. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. स्कंदमाता (maa skandmata) का स्वरूप बेहद निराला है. मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. तो, चलिए इस दिन पूजा के बाद पढ़े जाने वाले मंत्रों, शुभ मुहूर्त और भोग के बारे में जान लें.
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मां स्कंदमाता का मंत्र- (maa skandmata mantra)
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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मां स्कंदमाता का भोग- (maa skandmata bhog)
मां को केले का भोग अति प्रिय होता है. मां को खीर का प्रसाद भी अर्पित करना शुभ होता है. माना जाता है कि ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. मां को विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है. मां की उपासना से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है.
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मां स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त (maa skandmata puja shubh muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त- 04:34 AM से 05:20 AM
विजय मुहूर्त- 02:30 PM से 03:20 PM
गोधूलि मुहूर्त- 06:29 PM से 06:53 PM
अमृत काल- 04:06 PM से 05:53 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
रवि योग- 07:40 PM से 06:05 AM, अप्रैल 07