चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का पावन त्योहार शुरु हो चुका है. ऐसे में चौथा दिन मां कूष्मांडा (Chaitra Navratri 2022 Day 4) को समर्पित होता है. इस दिन माता के विधि-विधान से पूजा करने का दिन होता है. कीष्मांडा यानी कुम्हड़ा. कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ कुम्हड़ा है, यानि कि- कद्दू, यानि कि पेठा, जिसका हम घर में सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं. मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत ही प्रिय है, इसलिए मां दुर्गा का नाम कुष्मांडा (maa kushmanda) पड़ा. इसके साथ ही देवी मां की आठ भुजायें होने के कारण इन्हें अष्टभुजा वाली भी कहा जाता है. माता का वाहन सिंह है और इनका निवास स्थान सूर्यमंडल के भीतर माना जाता है. तो चलिए इस दिन के शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्रों के बारे में जान लें.
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मां कूष्मांडा का भोग (maa kushmanda bhog)
माता को इस दिन मालपुआ का प्रसाद चढ़ाने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. इसके साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन व वस्त्र भेट करने से धन की वृद्धि होती है.
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मां कूष्मांडा का मंत्र जाप (Maa Kushmanda Mantra)
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
मां कुष्मांडा के इस मंत्र का जप करने से आपको सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेंगे ही, लेकिन इसके साथ ही आपके परिवार में खुशहाली आएगी और आपके यश तथा बल में बढ़ोत्तरी होगी. इसके अलावा आपकी आयु में वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा.
माता कुष्मांडा की अपनी स्तुति है और धन प्राप्ति के अनेक मन्त्र हैं लेकिन अगर धन पाना ही उद्देश्य है तो माता महालक्ष्मी के मन्त्र का जप करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा.
उनका मंत्र इस प्रकार है -
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
इस मन्त्र का 108 बार जप करने से आपको अथाह धन की प्राप्ति होगी.
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मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त (maa kushmanda shubh muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त- 04:35 AM से 05:21 AM
अभिजित मुहूर्त- 11:59 AM से 12:49 PM
विजय मुहूर्त- 02:30 PM से 03:20 PM
गोधूलि मुहूर्त-06:29 PM से 06:53 PM
अमृत काल- 02:14 PM से 03:59 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग- 06:07 AM से 04:52 PM
रवि योग- 06:07 AM से 04:52 PM