आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) ने धन को लेकर बहुत-सी बातें बताई हैं. उनकी नीतियां (Chanakya Niti) न केवल लोगों को धनवान बनने में मदद करती हैं, बल्कि उनके धन को हमेशा सुरक्षित भी रखती हैं. चाणक्य की नीति (acharya chanakya neeti) कहती है कि अगर लोग खूब धनवान भी बन जाएं तो कुछ स्थितियों में उनका पैसा नष्ट हो जाता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि वो कौन-सी स्थितियां (chanakya niti on money lose) है.
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ऐसा पैसा हो जाता है नष्ट
चाणक्य नीति में एक श्लोक है, 'अन्यायोपार्जितं द्रव्यं दश वर्षाणि तिष्ठति. प्राप्ते एकादशे वर्षे समूलं च विनश्यति'. इसका मतलब ये होता है कि मां लक्ष्मी चंचल होती हैं. अगर गलत तरीकों से धन कमाया गया तो मां लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं. अनैतिक तरीकों से चोरी, धोखे, अन्याय, जुआ वगैराह के जरिए कमाया गया धन हमेशा साथ (chanakya niti success) नहीं रहता है.
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इतने दिन में होता है पैसा नष्ट
आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोक में कहा है कि ऐसे गलत तरीकों से कमाया गया पैसा बमुश्किल केवल 10 साल तक ही रहता है. इसके बाद 11वें साल से ही ऐसा पैसा धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है. इसलिए इंसान को कभी भी अनैतिक तरीके से पैसा नहीं कमाना चाहिए क्योंकि उसे बुरे कर्मों का फल भी झेलना पड़ता है और कुछ वक्त के बाद ऐसा पैसा नष्ट (chanakya niti for money lose) भी हो जाता है. फिर चाहे वजह कोई दुर्घटना, बीमारी, नुकसान या कोई और वजह भी हो सकती है.
बेहतर होगा कि ईमानदारी से पैसा कराएं और उसका एक हिस्सा दान में दें. इससे आपके घर में हमेशा बरकत रहेगी और आप दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की करेंगे.