उत्तराखंड (uttrakhand) में चारधाम की यात्रा (chardham yatra) 3 मई से शुरू हो जाएगी. जिसके चलते 3 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोल दिए जाएंगे. वहीं 6 मई को केदारनाथ तो 8 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे. तो, जो भी भक्त चार धाम की यात्रा (chardham yatra 2022) करना चाहते हैं. उन्हें जल्द से जल्द रेजिस्ट्रेशन कराना होगा. चारधाम यात्रा (chardham yatra Baba Kedarnath temple) के पट खोलने के साथ-साथ हेमकुंड साहिब के पट खोलने की भी बात चल रही है.
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इस पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Cm Pushkar Singh Dhami) ने कहा है कि चारधाम यात्रा के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. उनका कहना है कि बार की यात्रा एतिहासिक होने वाली है. चारधाम की यात्रा पर जाने वाले भक्तों को पहले रेजिस्ट्रेशन कराना होगा. आपको बता दें, इससे पहले ऋषिकेश से लेकर बद्रीनाथ धाम तक के रास्ते को भी शुरू करने का काम तेजी से शुरू हो चुका है. वहीं यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला रास्ता खस्ताहाल बना हुआ है. चारधाम यात्रा सड़क पर 40 से ज्यादा सक्रिय लैंडस्लाइड जोन हैं. जो स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं. इस पर प्रशासन का दावा है कि इन क्रॉनिक एक्टिव लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट पर 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो रहे हैं.
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आपको ये बता दें कि अब तक एक लाख से ज्यादा यात्री ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं. जिसमें सबसे ज्यादा संख्या केदारनाथ धाम के लिए जाने वाले यात्रियों की है. खास बात ये है कि इस बार यात्रियों को क्यूआर कोड भी जारी किया गया है. यात्रियों को क्यूआर कोड जारी होने से ये पता चल सकेगा कि रेजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों ने दर्शन किए या नहीं. यहां तक कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को भी ट्रैक किया जा सकेगा. अब तक यमुनोत्री धाम के लिए 15829, गंगोत्री धाम के लिए 16804 और वहीं केदारनाथ धाम के लिए 41107 और बदरीनाथ धाम के लिए 29488 लोग पंजीकरण (chardham yatra special train) करा चुके हैं.