अल्लाह की रहमत और बरकत से रमजान (Ramadan 2022) करीब 1 महीने से चल रहा है. जिसका अब आखिरी चरण चल रहा है. अब, बस लोगों को चांद के दिखने का इंतजार है. चांद दिखने के साथ ही इस बार का रमजान ईद के साथ पूरा हो जाएगा. ईद चांद दिखने के आधार पर होती है. ऐसे में लोगों के मन में इसे लेकर कई सवाल उठ रहे होते हैं. वो सवाल ये है कि क्या भारत में ईद (eid ul fitr 2022) अरब देशों के एक बाद होगी या साथ में या फिर पहले. ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब लोग जानना चाहते हैं. तो, चलिए आपको इसी से कुछ जुड़े हुए सवालों (eid festival 2022) के बारे में बताते हैं.
यह भी पढ़े : Vastu Tips For Broken Mirror: घर में न रखें ऐसा शीशा, मिलता है अशुभ फल और बढ़ जाती है नकारात्मकता
ईद कब है
ये सच है कि अरब देशों में रमजान भारत के मुकाबले एक दिन पहले से ही शुरु हो जाते हैं. लेकिन, ईद (Eid ul Fitr 2022 Date) की नमाज केवल चांद देखकर ही होती है. कल पूरे भारत में चांद देखा जाएगा. अगर चांद दिख जाता है तो, सोमवार को ईद मनाई जा सकती है. इसका सीधा मतलब ये है कि जरूरी नहीं है कि अरब देशों के एक दिन बाद ही भारत में ईद हो, लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अरब देशों के एक दिन बाद ही भारत में ईद होती है. लेकिन, इस बार 30 अप्रैल को सउदी अरब में चांद नहीं दिखा है. जिसके चलते आज यानी कि 1 मई को अरब देश में चांद निकलने की संभावना बहुत ज्यादा बनी हुई है. जिसका मतलब ये है कि वहां ईद 2 मई को होगी यानी कि भारत में इस बार ईद मनाने की संभावना मंगलवार को है. ईद कब होगी, इसका एलान आज शाम को इफ्तार के बाद (eid today) किया जाएगा.
यह भी पढ़े : Kunthunath Bhagwan Aarti: कुंथुनाथ भगवान की करेंगे ये आरती, सभी इच्छाएं होंगी पूरी
रमजान का महत्व
रमजान का महीना 29 या 30 दिन का होता है. अगर इस बार ईद सोमवार को होगी तो, भारत में रमजान का महीना 29 दिन का होगा. वहीं, अगर ईद मंगलवार की होगी तो, भारत में रमजान का महीना 30 दिनों का होगा. अरब देशों की बात की जाए तो, रमजान का महीना 30 दिनों का ही होगा. इस्लाम धर्म में माना जाता है कि रमजान में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं. इस महीने में की जाने वाली इबादतों का सवाब कई गुना तक बढ़ जाता है. रमजान के महीने को 10-10 दिन करके तीन हिस्सों में बांटा जाता है. जिसे अशारा कहते हैं. पहले अशरे में माना जाता है कि अल्लाह रहमत करते हैं. कहा जाता है कि दूसरे अशरे में गुनाहों की माफी मांगी जाती है, जबकि तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए (eid 2022 significance) होता है.