Eid 2022: अल्लाह की रहमत और बरकत से रमजान (Ramadan 2022) करीब 1 महीने से चल रहा है. जिसका अब आखिरी चरण चल रहा है. अब, बस लोगों को चांद के दिखने का इंतजार है. चांद दिखने के साथ ही इस बार का रमजान का महीना ईद के साथ पूरा हो जाएगा. ईद चांद दिखने के आधार पर होती है. रमज़ानुलमुबारक के पूरे महीने के रोजे के बाद खुदा की तरफ से रोजेदारों के लिए ईद-उल-फित्र (eid ul fitr 2022) एक सौगात है. ईद के दिन रोजेदारों पर खुदा खास मेहरबान होते हैं. चलिए जानते हैं इस बार ईद (eid festival 2022) पर रोजा रखने वाले लोगों के लिए खुद का क्या है पैगाम और तोहफा.
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ईद के दिन रोजेदारों पर खुदा खास मेहरबान होते हैं. ईद की खुशी रोजेदारों के लिए एक इनाम है. यह बात नुरूल्लाहपुर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद मोइनुद्दीन साहब ने रमज़ानुलमुबारक के पूर्ण होने के मौके पर अपनी नूरानी तकरीर के दौरान कही. उन्होंने बताया कि हदीसों में आया है कि ईद की सुबह अल्लाह जल्लेशानहू फरिश्तों को दुनिया में भेज कर मुनादी करवाते हैं कि 'ऐ उम्मते रसूल मुहम्मदी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उस करीम रब की दरबार की तरफ चलो, जो बहुत अता करने वाला है, बड़े से बड़े गुनाहों को माफ करने वाला है और मगफेरत देने वाला है.'
जब रोजेदार नमाजी ईदगाह की ओर निकलते हैं, तो अल्लाह फरिश्ते से पूछते हैं कि क्या बदला है, उस मजदूर का जिसने अपना काम पूरा कर दिया है. फरिश्ते अर्ज करते हैं कि ऐ मेरे माबूद इसका बदला यह है कि उस की मजदूरी पूरी अता की जाए. खुदा का हुक्म होता है कि ऐ फरिश्ते तुम गवाह रहना, मैंने तमाम रोजेदारों को रमज़ानुलमुबारक के रोजे, तरावीह और इबादत के बदले में अपनी रजा और मगफेरत अता कर दी.
इसके साथ ही खुदा बंदों से फरमाते हैं कि 'ऐ बंदो आज के दिन तुम मुझसे जो मांगोगे अता करूंगा. मैं तुम्हें दूसरे के सामने रुसवा और जलील होने नहीं दूंगा. अब बख्शे-बख्शाए अपने घरों को लौट जाओ.' खुदा की इस सत्तारी और गफ्फारी को देखकर फरिश्ते भी खुशी से झूम उठते हैं. रोजेदार पर फरिश्ते भी फख्र करते हैं.
इमाम साहब ने कहा कि हमें चाहिए कि ईद के मौके पर ईदगाह में दुआ का खास एहतमाम कर खुदा के सामने गिरगिराते हुए अपने व समाज की बेहतरी के लिए सब कुछ मांगें.
ईद की नमाज़ अदा करने का तरीक़ा
- नीयत की मैंने दो रिकअत नमाज वाजिब ईद-उल-फित्र की जाएद छः तकबीर वाजिबा के साथ वास्ते अल्लाह के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ फिर इमाम साहब द्वारा तकबीर कहने के साथ ही अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बांध लें
- सना पढ़ने के बाद इमाम साहब के द्वारा पहली तकबीर कहने के साथ ही हाथ कानों तक उठाकर छोड़ना है
- दूसरी तकबीर कहकर हाथ कानों तक उठा कर छोड़ना है
- तीसरी तकबीर कहकर हाथ कानों तक उठाकर बांधना है
- इसके बाद इमाम क़िरात करेंगे और रुकु सजदा करके पहली रिकअत मुकम्मल कर ली जाएगी
- दूसरी रिकअत के लिऐ उठते ही इमाम क़िरात करेंगे इसके बाद तीन ज़ाएद तकबीरें होंगी
- पहली तकबीर कहकर हाथ कानों तक उठाकर छोड़ना है
- दूसरी तकबीर कहकर हाथ कानों तक उठा कर फिर छोड़ना है
- तीसरी तकबीर कहकर हाथ कानों तक उठा कर छोड़ना है
- यहां तक कुल छह ज़ाएद तकबीरें मुकम्मल हो गई
- अब इसके बाद बिना हाथ उठाऐ तकबीर कहकर रुकु में जाऐंगे
- बाकी आगे की नमाज़ दूसरी अनय नमाज की तरह अदा करें
- फिर सलाम फेरना होगा