Hariyali Teej 2024: कल हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा. इस व्रत से जुड़ी कई छोटी बड़ी बातें ऐसी है जो ज्यादातर महिलाओं को नहीं पता होती. अगर आपका पहला हरियाली तीज का व्रत है या फिर आप हरियाली तीज का व्रत रखती हैं लेकिन इसके नियमों की ज्यादा जानकारी नहीं होती हम आपको हरियाली तीज व्रत से जुड़ी हर जरुरी बात बता रहे हैं. अगर आप गलती से भी हरियाली तीज के दिन कुछ ऐसा करती है जिसे करना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं है तो आपको व्रत का पुण्य फल नहीं मिलता.
हरियाली तीज व्रत से जुड़ी जरूरी सारी बातें
- हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है. इसीलिए व्रत के दौरान गलती से भी खाने पीने से बचें. जब तक व्रत पूरा ना हो जाए तब तक खाने के प्रति मन में झूठी लालसा ना रखें, अन्यथा व्रत खंडित माना जाता है. गर्भवती या बीमार महिलाओं के लिए इस तरह के नियम नहीं हैं. गर्भवती महिलाएं और कुवारी कन्याएं व्रत से पहले संकल्प लेने के बाद फलाहार लेकर इस व्रत का पालन कर सकती हैं.
- कुंवारी कन्याएं भी हरियाली तीज का पावन पर्व मनाती हैं. इससे भगवान शिव की तरह ही अच्छे वर की प्राप्ति होती हैं.
- व्रत के समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. जहां पर आप सोते हैं यानि उस बेडशीट को बदल देना चाहिए और साफ बेडशीट पर ही व्रत के दौरान बैठना चाहिए. व्रत के दौरान गंदी चादर पर कभी नहीं बैठना चाहिए.
- हरियाली तीज पर सुहागिनों को क्रोध करने से बचना चाहिए. मुख से गंदी गंदी गालियां नहीं देनी चाहिए. माता गौरी की तरह मन पवित्र रखना चाहिए. बच्चों के प्रति ममता का आचरण होना चाहिए क्योंकि क्रोध हमेशा विनाश की ओर ले जाता है. इसीलिए तो कहा जाता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि. ऐसा कोई भी कार्य ना करें जिससे आपके सभी कार्य दूषित हो जाए. अगर गलती से भी आपको क्रोध आ गया तो समझो आपका व्रत खंडित. माता गौरी क्रोधित हो जाती है और आपके घर को हमेशा के लिए त्याग देती है. माता लक्ष्मी भी त्याग देती हैं
- व्रत के दौरान काले और सफ़ेद वस्त्रों को ना पहनें, क्योंकि इसे सुहागिनों के लिए शुभ नहीं माना जाता. किसी भी सुहागिन महिला को इस पावन अवसर पर यानी हरियाली तीज पर किसी पराई स्त्री के वस्त्र मांग कर नहीं पहनने चाहिए. वस्त्र आप बाजार से नए खरीदें या आप अपनी शादी का जोड़ा पहन सकती हैं. हरियाली तीज पर शादी का जोड़ा बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाएगा. शादी का जोड़ा पहनने पर माता पार्वती अति प्रसन्न होती हैं. और आपको अखंड सौभाग्यवती का वरदान देती हैं. आप चाहें तो पुराने कपड़े पहन सकते हैं, पुराने कपड़ों के ऊपर अपनी शादी की चुन्नी अवश्य ओढ़ ले.
- किसी भी सुहागिन महिला को दूसरी महिला का श्रृंगार मांगकर अपने माथे पर, चेहरे पर तथा पैरों में और हाथों में किसी भी हिस्से पर कभी नहीं लगाना चाहिए. बहुत ही अशुभ माना जाता है. इससे पति पर विपदाएं आती हैं, घर में क्लेश बढ़ते हैं और रिश्ते टूट कर बिखर जाते हैं. ऐसे में पति का जीवन नष्ट हो जाता है. सुहागिन महिलाओं को हमेशा अपना खुद का श्रृंगार ही इस्तेमाल करना चाहिए और माता के चरणों से मिला श्रृंगार ही लगाना चाहिए.
- पति पत्नी को पूजा पाठ के दौरान थोड़ा संयम रखना चाहिए. इस समय थोड़ी दूरी बनाकर चलें.
- जब आप हरियाली तीज पर माता की चौकी लगाएं तो लाल कपड़ा बिछाकर ही मूर्ति स्थापना करें, वैसे आप पीला कपड़ा भी बिछा सकती हैं. मान्यता है कि लाल रंग माता रानी को अति प्रिय है.
- हमेशा याद रखें कपड़ा गंदा मैला ना हो, फटा हुआ ना हो, शुभ नहीं माना जाता. माता क्रोधित हो जाएंगे साथ ही साथ शिव परिवार सहित पूजा अवश्य करें.
- हरियाली तीज पर खासकर हाथों में काले रंग की और सफेद रंग की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए. इस समय हरी और लाल रंग की चूड़ियां पहनना बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है.
- हरियाली तीज का व्रत जब तक आपका मन नहीं है तब तक इस व्रत को नहीं रखना चाहिए. इससे आपका व्रत खंडित माना जाएगा. व्रत हमेशा सच्चे भाव और दिल से ही रखना चाहिए.
- आप तीज पर खाना बनाए तो लहसुन प्याज खाने में भूल कर भी मत डालना, इसे माता गौरी का अपमान माना जाएगा. हरियाली तीज का पावन पर्व अपवित्र हो जाएगा. भगवान शिव नाराज हो जाएंगे. भोजन में आपको खीर, पूरी, हलवा आदि आलू की सब्जी, छोले की सब्जी ही बनानी चाहिए. मीठे पकवान बनाने चाहिए और व्रत पूरा होने के बाद इसी भोजन को खाना चाहिए. पूजा पाठ में लहसुन प्याज का इस्तेमाल घोर पाप माना जाता है. ऐसा भोजन मांस मदिरा की तरह ही माना जाता है.
- इस दिन चाकू छुरी घर में नहीं लाने चाहिए, बहुत ही अशुभ माना जाता है. हरियाली तीज पर झूला अवश्य झूलना चाहिए. इससे माता पार्वती तथा शिव गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- हरियाली तीज पर एक मोर पंख अवश्य घर में लाना चाहिए और पति पत्नी को अपने कमरे में लगाना चाहिए. इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)