गणेश उत्सव को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है. दो साल के लंबे इंतजार के बाद इस वर्ष गणेश उत्सव (ganesh chaturthi 2022) बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. 31 अगस्त से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी. शहर के कई क्षेत्रों में गणेश प्रतिमाओं को लेकर बाजार सजे हैं. 8 इंच से लेकर 10 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं (ganesh chaturthi 2022 vrat) विभिन्न तरह के आकार और प्रतिकृति के रूप में मिल रही है.
7 वर्षों से अपने हाथों से मिट्टी की प्रतिमा बनाकर उन्हें विराजित कर घर पर ही विसर्जित किया जा रहा है. इसके साथ ही वे स्कूली बच्चों के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी मिट्टी की प्रतिमा बनाकर वितरित करते हैं और प्रशिक्षण भी देते हैं. पीओपी से बनी मूर्तियों से नदियों में प्रदूषण होता है. इसे रोकने के लिए सभी को मिट्टी की प्रतिमा ही विराजित करनी चाहिए. इससे पर्यावरण प्रदूषण (ganesh chaturthi 2022 festival) नहीं होगा.
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इस वर्ष भी करीब 5 फीट मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाकर स्थापित करेंगे. पीओपी प्रतिमाओं से पर्यावरण के साथ साथ नदियां भी प्रदूषित होती है. पीओपी की प्रतिमाएं पानी में घुलती भी नहीं है. इससे आस्था को भी ठेस पहुंचती है. इसलिए मिट्टी की प्रतिमा बनाकर उसे स्थापित कर घर या नदी में विसर्जित करेंगे जिससे पर्यावरण और नदिया (ganesh chaturthi 2022 date) प्रदूषित न हो.