आज 31 अगस्त से देशभर में गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi 2022) का उत्सव मनाया जा रहा है. ये उत्सव अगले 10 दिनों तक मनाया जाएगा. ऐसे में बड़ी संख्या में बप्पा के भक्त उनके दरबार में पहुंचेंगे. वैसे तो देश में कई मंदिर हैं लेकिन, आज हम आपको गणपति बप्पा (ganesh chaturthi 2022 ganesh temple) के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बड़ी संख्या में प्रेमी जोड़े अपनी प्रेम की अर्जी लगाने पहुंचते हैं. माना जाता है कि देवा प्रेमियों के प्रेम की नैया पार लगाते हैं. यही वजह है कि राजस्थान के इस मंदिर में स्थापित गणेश को 'इश्किया गणेश' (ishqiya ganesh ji temple) कहते हैं. तो, चलिए इस मंदिर के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं.
प्रेमी जोड़े बप्पा के दरबार में लगाते हैं हाजरी -
इस मंदिर में जो भी प्रेमी जोड़ा अपनी मुराद लेकर आता है. उसका प्रेम जरूर सफल होता है यानी उनकी शादी हो जाती है. वहीं इस मंदिर में वो जोड़े भी बड़ी संख्या में हाजिरी लगाते हैं. जिनके प्यार की नैया बप्पा की वजह से पार लगी है. वे गणेश जी को धन्यवाद देने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. देशभर में इस मंदिर की मान्यता बहुत अधिक है. मूर्ति की प्रसिद्धि राजस्थान सहित दूसरे राज्यों में भी है. दूर-दूर से प्रेमी अपने पार्टनर के साथ बप्पा के दरबार में आते हैं. इसके साथ ही राजस्थान घूमने आने वाले पर्यटक भी इश्किया गणेश मंदिर में आकर एक बार जरूर शीश (ishkiya ganesh ji jodhpur) नवाते हैं.
सौ साल पुराने मंदिर के गुरु गणपति कैसे बने इश्किया गणेश -
स्थानीय लोगों का कहना है कि जोधपुर में इश्किया गणेश मंदिर की स्थापना करीब सौ साल पहले हुई थी. शहर की संकरी गली में एक घर के बाहर गुरु गणपति नाम से इस मंदिर की स्थापना की गई थी. इसका निर्माण ऐसा है कि यहां खड़ा कोई व्यक्ति दूर से किसी को आसानी से नजर नहीं आता है. यही कारण था कि यहां प्रेमी युगल चोरी-छुपे पहली मुलाकात के लिए आते थे. धीरे-धीरे ये मंदिर प्रेमियों की पहली पसंद बन गया और लड़के-लड़कियां यहां मिलने आने लगे. यहां आने वाले लोग गजानन का दर्शन करके शादी की कामना करते हैं. विवाह होने के बाद भगवान का आशीर्वाद मानकर प्रेमी जोड़े धन्यवाद प्रकट करने आते हैं. इस तरह से ये मंदिर गुरु गणपति से इश्किया गणेश मंदिर के नाम से (ishqiya ganesh temple jodhpur) विख्यात हो गया.