Ganesh Ji Puja: हर साल गणपति बप्पा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है लेकिन उससे पहले हम आपको बता रहे हैं कि आप अगर विघ्न हरण विनायक को प्रसन्न करने के बारे में सोच रहे हैं तो उनकी पूजा का सही तरीका क्या है. अगर भगवान की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान के साथ की जाए. नियमों का पालन करके गणपति की स्थापना आप घर पर करें तो आपको इसके शुभ फल मिलते हैं. ऐसे में अगर आपके घर के मंदिर में गणपति पहले से विराजमान हैं या आप गणपति की नई मुर्ति लाने की सोच रहे हैं तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसके आलावा भी ऐसी कई नियम हैं जिनका पालन आपको भगवान गणेश की पूजा के समय करना चाहिए.
क्यों नहीं देखते भगवान गणेश की पीठ ?
भगवान गणेश की पीठ के दर्शन कभी नहीं करने चाहिए। पुराणों में बताया गया है कि भगवान गणेश के शरीर पर ब्रह्मांड के सभी अंग निवास करते हैं। उनकी पीठ पर दरिद्रता का वास है, जो भी पीठ के दर्शन करता है तो दरिद्रता का प्रभाव बढ़ जाता है। अगर जाने-अनजाने ऐसा हो जाए तो भगवान से तुरंत क्षमा मांगनी चाहिए और उनकी पूजा कर प्रसन्न करना चाहिए.
गणपति की सूंड कौन सी दिशा में होनी चाहिए ?
बाईं ओर सूंढ वाली गणेशजी की प्रतिमा अधिक शुभ होती है। घर में ऐसी ही गणपति की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसी सूंढ़ वाले गणपति जल्दी प्रसन्न होकर फल प्रदान करते हैं. दायीं ओर सूंढ़ वाले गणपति की पूजा का फल देर से मिलता है. इसलिए गृहस्थों को बाईं ओर सूंढ़ वाली गणपति की पूजा करनी चाहिए.
घर में पुरानी गणपति मुर्ति का क्या करें ?
गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की नई प्रतिमा ला रहे हैं और उसे घर में रखने की सोच रहे हैं तो घर में मौजूद गणेशजी की पुरानी प्रतिमा को विसर्जित कर दें. दो गणपति प्रतिमा पूजा घर में एक साथ नहीं होनी चाहिए. इससे फल प्राप्ति में बाधा आती है. वास्तु विज्ञान के अनुसार पूजा घर में केवल एक गणपति प्रतिमा रखनी चाहिए.
भगवान गणेश को क्यों नहीं लगाते तुलसी का भोग ?
पुराणों में गणेशजी के भोग में तुलसी का प्रयोग वर्जित बताया गया है. तुलसी का प्रयोग करने से भगवान नाराज हो जाते हैं. दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. बताया जाता है कि तुलसी गणेशजी से विवाह करना चाहती थीं लेकिन गणेशजी ने मना कर दिया. विवाह प्रस्ताव ठुकाराने की वजह से नाराज तुलसीजी ने शाप दिया कि उनके एक नहीं बल्कि दो-दो विवाह होंगे. इस पर श्री गणेश ने भी तुलसी को शाप दे दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा.
कैसे करते हैं गणपति बप्पा की पूजा ?
गणेशजी के साथ उनके परिवार की पूजा भी करें. गणेशजी की पत्नी रिद्धि और सिद्धि एवं पुत्र शुभ और लाभ की भी पूजा करनी चाहिए. मूषक भी इनके परिवार का हिस्सा है इसलिए इनकी पूजा भी करें. इनकी पूजा करने से गणेशजी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है. बिना परिवार के गणपति कहीं नहीं रहते हैं इसलिए गणपति से लाभ के लिए इनकी पूजा भी बहुत जरूरी है.
गणेश जी को कौन से रंग पसंद है ?
गणेशजी की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है. इनकी पूजा करते समय सफेद चंदन की बजाय लाल चंदन का प्रयोग करना चाहिए. इन्हें लाल सिंदूर और लाल फूल ही अर्पित करने चाहिए. इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
Source : News Nation Bureau