हिंदू धर्म के मुताबिक, गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) के दिन सभी पापों को हरने वाली मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी. इसलिए हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते है और दान देते है. इस त्योहार के कई खास महत्व होते हैं. कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से 10 तरह के पाप मिट जाते हैं. पंचांग के अनुसार (Ganga Dussehra 2022 Date) ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व रखा जाता है. तो, चलिए गंगा दशहरा के दिन के महत्व और मंत्रों के बारे में बताते हैं.
गंगा दशहरा का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से पापों का नास हो जाता है. इसके साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है और शरीर शुद्ध रहता है. इस दिन गंगा पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस अवसर पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जैसा कि पौराणिक कथा में भी बताया गया है कि राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों का उद्धार करने और मोक्ष दिलाने के लिए अपनी कठोर तपस्या से मां गंगा को पृथ्वी पर लाए थे.
इस दिन गंगा पूजा करने के साथ-साथ भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान (Ganga Dussehra 2022 Importance) करते हैं. पुराणों के अनुसार भागीरथ की तपस्या के बाद जब गंगा माता धरती पर आईं थी, तो उस दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी थी. गंगा माता के धरती पर अवतरण के दिन को ही गंगा दशहरा के नाम से पूजा जाना जाने लगा. इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर जो गंगा स्तोत्र पढ़ता है वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है. स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है.
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अगर आप गंगा नदी नहीं जा पा रहे है तो आप घर के पास किसी नदी या तालाब में गंगा मां का ध्यान करते हुए स्नान कर सकता है. गंगा जी का ध्यान करते हुए षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए. इसके बाद इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
मंत्र को पांच पुष्प अर्पित करते हुए गंगा को धरती पर लाने भागीरथी का नाम मंत्र से पूजन करना चाहिए. इसके साथ ही गंगा के उत्पत्ति स्थल को भी स्मरण करना चाहिए. गंगा जी की पूजा में सभी वस्तुएं दस प्रकार की होनी चाहिए. जैसे दस प्रकार के फूल, दस गंध, दस दीपक, दस प्रकार का नैवेद्य, दस पान के पत्ते, दस प्रकार के फल होने चाहिए. अगर आप पूजन के बाद दान देना चाहते है तो दस चीजें का ही दान दें, क्योंकि ये अच्छा माना जाता है, लेकिन जौ और तिल का दान सोलह मुठ्ठी का होना चाहिए. दक्षिणा भी दस ब्राह्मणों को देनी चाहिए. जब गंगा नदी में स्नान करें तब बी दस बार डुबकी (Ganga Dussehra 2022 significance) लगानी चाहिए.
गंगा दशहरा का मंत्र
मां गंगा की वरदान पाने के लिए ''ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'' मंत्र का जाप करना चाहिए. माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और उसे परम पुण्य की प्राप्ति (ganga dusshera 2022 mantra) होती है.