सनातन धर्म में माता गायत्री (maa gayatri) का जन्म ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हुआ था. इस बार गायत्री जयंती (gayatri jayanti 2022) का पावन पर्व 11 जून दिन शनिवार को मनाया जाएगा. माता गायत्री को देवी पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी का संयुक्त अवतार भी माना जाता है. गायत्री जयंती के दिन विधि- विधान से गायत्री माता की पूजा- अर्चना करनी चाहिए. क्योंकि इस दिन माता गायत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी चाहतें पूरी होती है.
इस दिन विधि विधान से पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव (Gayatri Jayanti 2022 vrat) दूर होता है. इसके साथ ही घर में सुख समृद्धि और धनागमन होता है और परिवार में एकता रहती है. इस दिन मां गायत्री के भक्तों को गायत्री मंत्र (gayatri mantra) के जाप के साथ आरती भी जरूर करनी चाहिए. तो, चलिए आपको इस दिन के महत्व और सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में बताते हैं.
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गायत्री जयंती का महत्व
गायत्री माता चारों वेदों की जननी हैं. गायत्री मंत्र को चारों वेदों का सार माना जाता है. प्रारंभ में गायत्री मंत्र कुछ देवी देवताओं तक ही सीमित था. बाद में वशिष्ठ ऋषि ने कठोर तप करके इस मंत्र को प्राप्त किया और उसे जन-जन तक पहुंचाया, जिससे मनुष्यों को भी इस गायत्री मंत्र से लाभ हो सके. मां गायत्री की कृपा से व्यक्ति को आयु, शक्ति, प्राण, कीर्ति, धन आदि की प्राप्ति (gayatri jayanti 2022 significance) होती है.
गायत्री जयंती पर सर्वार्थ सिद्धि योग
गायत्री जयंती के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग 11 जून को प्रात: 5 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ हो जा रहा है. जो 12 जून को 2 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. 12 जून को त्रिपुष्कर योग 2 बजकर 5 मिनट से प्रारंभ होकर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.
गायत्री जयंती के दिन परिघ योग रात 8 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से शिव योग प्रारंभ हो जाएगा. इस सभी योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उत्तम है. इस योग में किए गए काम सफलता प्रदान करने वाले होते हैं. इस दिन का शुभ समय यानी अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. इस समय में आप कोई भी नया (gayatri jayanti 2022 sarvarth siddhi yog) काम कर सकते हैं.