साल 2022 में 11 जून को गायत्री जयंती (gayatri jayanti 2022) मनाई जाएगी. इस दिन मां गायत्री की पूजा के साथ-साथ उनके मंत्रों (gayatri mantra) का जाप भी जरूर करें. सनातन दर्म के अनुसार माता गायत्री का गायत्री मंत्र सभी मंत्रों का महामंत्र है. इसे पढ़ने वाला व्यक्ति जीवन में कभी निराश नहीं होता. ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मा ने चार वेदों की रचना से पहले 24 अक्षरों (gayatri mantra 24 letters) के गायत्री मंत्र की रचना की थी. इस मंत्र के हर शब्द का एक खास अर्थ है.
यह भी पढ़े : Ganga Dussehra 2022 Gangajal Rules: गंगा दशहरा के दौरान घर में रख रहे हैं गंगाजल, इन नियमों का करें पालन
माना जाता है कि गायत्री मंत्र के चौबीस अक्षरों के चौबीस देवता और उनकी चौबीस शक्तियां होती हैं. गायत्री मंत्र का जाप करने से इन शक्तियों का लाभ मिलता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि मंत्र में किन देवताओं का वर्णन किया गया है और उन शक्तियों से क्या लाभ (gayatri mantra benefits) मिल सकता है.
गायत्री मंत्र -
ॐ भूर् भुवः स्वःतत् सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि,धियो यो नः प्रचोदयात्।।
1- तत्
देवता- गणेश, सफलता शक्ति
लाभ- कठिन कामों सफलता, विघ्नों का नाश, बुद्धि की वृद्धि
2- स
देवता- नरसिंह, पराक्रम शक्ति
लाभ- पुरुषार्थ, पराक्रम, वीरता, शत्रुनाश, आतंक-आक्रमण से रक्षा
3- वि
देवता- विष्णु, पालन शक्ति
लाभ- प्राणियों का पालन, जरुरतमंदों की रक्षा
4- तु
देवता- शिव, कल्याण शक्ति
लाभ- दुश्मनों का विनाश
5- व
देवता- कृष्ण, योग शक्ति
लाभ- कर्मयोग,सौंदर्य, क्रियाशीलता
6- रे
देवता- राधा, प्रेम शक्ति
लाभ- द्वेषभाव की समाप्ति, प्रेम दृष्टि
7- णि
देवता- लक्ष्मी, धन शक्ति
लाभ- धन,पद,यश
8- यं
देवता- अग्नि, तेज शक्ति
लाभ- प्रकाश,सामर्थ्य की वृद्धि
9- भ
देवता- इन्द्र,रक्षा शक्ति
लाभ- रोग,भूत-प्रेत के वार से रक्षा
10- र्गो
देवता- सरस्वती, बुद्धि शक्ति
लाभ- दूरदर्शिता,चतुराई, बुद्धि में पवित्रता
11- दे
देवता- दुर्गा, दमन शक्ति
लाभ- दुष्टों का दमन, शत्रुओं का संहार
12- व
देवता- हनुमान, निष्ठा शक्ति
लाभ- विश्वास योग्य, निर्भयता
13- स्य
देवता- पृथ्वी, धारण शक्ति
लाभ- गंभीरता,धैर्य, भार वहन करने की क्षमता
14- धी
देवता- सूर्य, प्राण शक्ति
लाभ- विकास,दीर्ध जीवन,आरोग्य वृद्धि
15- म
देवता- राम, मर्यादा शक्ति
लाभ- कष्ट में मन न भटकना, संयम, मर्यादापालन
16- हि
देवता- सीता, तप शक्ति
लाभ- पवित्रता, मधुरता, नम्रता
17- धि
देवता- चंद्र, शांति शक्ति
लाभ- चिंता का निवारण, क्रोध का निवारण
18- यो
देवता- यम, काल शक्ति
लाभ- मृत्यु से निडरता, समय का सदुपयोग
19- यो
देवता- ब्रह्मा, उत्पादक शक्ति
लाभ- संतानवृद्धि
20- न
देवता- वरुण, रस शक्ति
लाभ- दूसरों के लिए दयाभाव, कोमलता, कला से प्रेम
21- प्र
देवता- नारायण, आदर्श शक्ति
लाभ- महत्वकांक्षा वृद्धि, उज्जवल चरित्र, पथ-प्रदर्शक कार्यशैली
22- चो
देवता- हयग्रीव, साहस शक्ति
लाभ- वीरता, विपदाओं से लड़ने की शक्ति, पुरुषार्थ
23- द
देवता- हंस, विवेक शक्ति
लाभ- आत्म-संतोष, सत्संगति
24- यात्
देवता- तुलसी, सेवा शक्ति
लाभ- आत्म शांति, लोकसेवा में रुचि