हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में चार नवरात्रि (ashadh gupt navratri 2022) पड़ती है जो पौष, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन मास में पड़ती है. जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है और दो सार्वजनिक होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान तंत्र विद्या का विशेष महत्व है. इसी कारण गुप्त नवरात्रि (ashadh gupt navratri 2022 june) का पर्व हर कोई नहीं मनाता है. इसका सबसे महत्वपूर्ण समय मध्य रात्रि से सूर्योदय तक अधिक प्रभावशाली बताया गया है.
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आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को भी गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. गुप्त नवरात्रि में साधक महाविद्याओं के लिए खास साधना करते हैं. तो, चलिए इस दिन की विशेष साधना के बारे में जानते हैं.
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गुप्त नवरात्रि में करते हैं विशेष साधना
आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि का तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना के लिए विशेष महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि तंत्र मंत्र की सिद्धि के लिए इस समय की गई साधना शीघ्र फलदाई होती है. इस नवरात्रि में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा (ashadh gupt navratri 2022 vishesh sadhna) की जाती है.