आषाढ़ माह का शास्त्रों में विशेष महत्व है. आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (guru purnima 2022) के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेद व्यास को चारों वेदों का ज्ञान था. इस साल गुरु पूर्णिमा (guru purnima 2022 july) या आषाढ़ पूर्णिमा 13 जुलाई को मनाई जाएगी. हिन्दू धर्म के लोगों में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की विधि-विधान से पूजा करने की परंपरा है. इस साल गुरु पूर्णिमा पर राजयोग बन रहा है. तो, चलिए शुभ मुहूर्त के साथ-साथ शुभ संयोग या रोजयोग (guru purnima date) भी जानते हैं.
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गुरु पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त -
गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को सुबह करीब 4 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन गुरुवार, 14 जुलाई को देर रात 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी. इंद्र योग 13 जुलाई को दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा. चन्द्रोदय समय- 13 जुलाई, शाम 07:20 बजे. भद्रा सुबह 05 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक है. इस दिन का राहुकाल दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट (guru purnima 2022 shubh muhurat) तक है.
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गुरु पूर्णिमा 2022 शुभ राजयोग -
इस साल गुरु या आषाढ़ पूर्णिमा पर ग्रहों की शुभ स्थिति के कारण 4 राजयोग का निर्माण हो रहा है. ये योग बेहद ही खास है. जिसकी वजह से 13 जुलाई 2022 दिन बुधवार के दिन पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा बेहद खास बन गई है. इस बार गुरु पूर्णिमा पर गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रह के शुभ संयोग से रुचक, शश, हंस और भद्र नामक 4 राजयोग बन रहे हैं. इसके अलावा कई सालों बाद गुरु पूर्णिमा के दिन सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है. माना जाता है कि गुरु पूजन से जातक की कुंडली में गुरु दोष व पितृदोष समाप्त (guru purnima 2022 shubh sanyog) होता है.