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Kashi Vishwanath Dham Mahaprasad: मिलावट का सच: काशी विश्वनाथ धाम में कैसे बनता है शुद्ध महाप्रसाद?

Kashi Vishwanath Dham Mahaprasad: किसी मंदिर के प्रसाद पर लोगों की बड़ी आस्था होती है और जब उसी प्रसाद के नाम पर लोगों को धोखा मिलता है तो ये बेहद दुखद होता है. काशी विश्वनाथ के मंदिर के महाप्रसाद के सच में क्या सामने आया आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Kashi Vishwanath Dham Mahaprasad

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Kashi Vishwanath Dham Mahaprasad: तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट के बाद काशी विश्वनाथ धाम का महाप्रसाद कैसे बनता है इसकी पूरी जांच न्यूज नेशन के संवाददाता सुशांत मुखर्जी ने की.तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद साधु-संतों ने देशभर के सभी मंदिरों के प्रसाद की जांच की मांग की है. इस घटना ने देशभर के श्रद्धालुओं में चिंता पैदा कर दी है. खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से प्रसाद चढ़ाते हैं और प्राप्त करते हैं. इसी संदर्भ में, काशी विश्वनाथ धाम के मंदिर प्रबंधन ने अपने प्रसाद को स्वच्छ और शुद्ध बताते हुए दावा किया है कि यहां कोई मिलावट नहीं होती.

न्यूज नेशन की टीम पहुंची काशी विश्वनाथ धाम

इसकी सच्चाई जानने के लिए न्यूज नेशन की टीम काशी विश्वनाथ धाम पहुंची और वहां की तैयारियों और स्वच्छता की जांच की. टीम ने देखा कि काशी विश्वनाथ धाम का महाप्रसाद कैसे तैयार होता है. यहां हम उस गली में पहुंचे जहां बाबा धाम का प्रसाद तैयार किया जाता है.

महाप्रसाद की तैयारी की प्रक्रिया

प्रसाद तैयार करने वाले स्थान पर हमने देखा कि सबसे पहले मशीनों में बेसन और चीनी को मिलाया जाता है. इसके बाद, महिलाएं बादाम और पिस्ता पीस कर लड्डुओं में मिलाती हैं. लड्डू तैयार करने और पैक करने का पूरा काम भी महिलाओं द्वारा ही किया जाता है. यहां के व्यवस्थापक ने बताया कि प्रसाद तैयार करने में शामिल सभी कर्मचारी हिंदू हैं और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है.

मंदिर प्रबंधन का दावा

काशी विश्वनाथ धाम में तैनात एसडीएम शंभू शरण सिंह का कहना है कि मंदिर में बनने वाला प्रसाद पूरी तरह से स्वच्छ और शुद्ध है. उनकी टीम खुद इसकी जांच करती है और सुनिश्चित करती है कि हर कदम पर स्वच्छता के मानकों का पालन किया जाए. हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि मंदिर के बाहर बिकने वाले प्रसाद की उन्हें जानकारी नहीं है और उसकी जांच की जिम्मेदारी प्रशासन की है.

साधु-संतों की नाराजगी

तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट की घटना से काशी के साधु-संतों में काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि भले ही काशी विश्वनाथ धाम का महाप्रसाद शुद्ध और स्वच्छ हो, लेकिन मंदिर के बाहर बिकने वाले प्रसाद की भी जांच होनी चाहिए. साधु-संतों का मानना है कि हर मंदिर में बिकने वाले प्रसाद की जांच जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार की मिलावट या धोखाधड़ी से भक्तों को बचाया जा सके.

तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट की घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है और भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाई है. काशी विश्वनाथ धाम के महाप्रसाद की शुद्धता की पुष्टि की जा रही है, लेकिन साधु-संतों और भक्तों का कहना है कि प्रशासन को मंदिर के बाहर बिकने वाले प्रसाद की भी जांच करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: Tirupati Temple Adulterated Prasad: तिरुपति मंदिर में मिला था मिलावटी प्रसाद? जानिए कैसे मिलेगा मुफ्त में प्रायश्चित करने का मौका

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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