Lakshmi Puja: माता लक्ष्मी हिन्दू धर्म की देवी है जो धन, समृद्धि, और भग्य की देवी के रूप में पूजी जाती है. वह विष्णु की पत्नी मानी जाती है. धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा से भक्तों को आर्थिक लाभ होता है. माता लक्ष्मी का प्रमुख प्रतीक "श्री" है, जिसे विभिन्न उपासक अपने घरों और कार्यस्थलों में श्रृंगार के रूप में स्थापित करते हैं. माता लक्ष्मी को सर्वशक्तिमान देवी के रूप में भी पूजा जाता है, जो सभी संसार की शक्ति का प्रतीक हैं. लक्ष्मी माता का चित्रण चतुर्भुजा रूप में होता है, जिससे उनकी अद्वितीयता और सम्पूर्णता का प्रतीत होता है. भक्तों को जीवन में सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. लक्ष्मी की विरुद्ध रूप अलक्ष्मी भी है, जो धन की हानि और दुर्भाग्य का प्रतीक है. माता लक्ष्मी की पूजा और उनके श्लोकों का पाठ उनके भक्तों को धन, समृद्धि, और शांति में सहायक करने में मदद करता है. तो आइए आपको बताते हैं कि देवी लक्ष्मी का महामंत्र क्या है और उनकी पूजा कैसे करें.
माता लक्ष्मी का महामंत्र है:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद स्वाहा।
इस महामंत्र का जाप करने से माता लक्ष्मी की कृपा, धन, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है. यह मंत्र भक्तों को आर्थिक समृद्धि, धन, और सुख-शांति में मदद करने के लिए जाना जाता है. माता लक्ष्मी का स्मरण और इस मंत्र का जाप उन्हें प्रसन्न करने में सहायक होता है. भक्त इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करते हैं ताकि उन्हें माता लक्ष्मी की आशीर्वाद में सबसे अच्छा मिले.
माता लक्ष्मी की पूजा:
पूजा का समय:
माता लक्ष्मी की पूजा को विशेष रूप से शुक्रवार को किया जाता है। इसके अलावा, पूर्णिमा और अमावस्या के दिनों पर भी पूजा किया जा सकता है.
स्थान का चयन:
लक्ष्मी माता की पूजा के लिए शुभ स्थान का चयन करें, जैसे कि पूजा कक्ष, मंदिर, या पूजा के लिए बने स्थान.
पूजा सामग्री:
माता लक्ष्मी की पूजा के लिए सामग्री में दीपक, रोली, चावल, घी, दूध, मिठाई, फूल, धनिया, बत्ती, और माला शामिल हो सकती है.
पूजा का विधान:
पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करें और उन्हें प्रसन्न करें.
माता लक्ष्मी की मूर्ति:
माता लक्ष्मी की मूर्ति को सुखासन पर बैठाएं या किसी शुभ दिशा में रखें.
पूजा का अर्थ:
पूजा के दौरान माता लक्ष्मी को समर्पित मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करें.
दीपाराधन:
दीपाराधन करें और गर्भगृह को पवित्र और आध्यात्मिक बनाएं.
पुनः आराधना:
माता लक्ष्मी को पूर्वांग पूजा करें, अर्थात पैरों, जांघों, हाथों, मुख, और आँखों की पूजा करें.
आरती:
आरती गाएं और माता लक्ष्मी की कृपा के लिए प्रार्थना करें.
प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और उसे सभी लोगों को बाँटें.
नोट: लक्ष्मी माता की पूजा को नियमित रूप से करने से घर में धन, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau