Advertisment

Mahashivratri 2022 Shivling Pujan: महाशिवरात्रि पर पूरी होगी हर इच्छा, जब जानेंगे महत्व और इस विधि से करेंगे पार्थिव शिवलिंग पूजा

महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग (parthiv shivling pujan) की पूजा करने से शिव के साधकों की सभी मनोकामनाएं बहुत ही जल्दी पूरी होती है. आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर महादेव का वरदान दिलाने वाली पार्थिव पूजा की पूजा विधि और धार्मिक महत्व क्या है.

author-image
Megha Jain
एडिट
New Update
Shivling Puja Vidhi 2022

Shivling Puja Vidhi 2022( Photo Credit : social media)

Advertisment

इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च (mahashivratri 2022) को मनाई जाएगी. इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है. यही वजह है कि शिव भक्त पूरे साल इसका इस महापर्व के आने का इंतजार करते हैं. इस दिन तमाम तरह की मनोकामनाओं को शिव पूजा के माध्यम से ही पूरा करने का त्योहार है. यही कारण है कि हर शिव भक्त अपनी-अपनी कामनाओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर अलग-अलग तरह के शिवलिंग (parthiv shivling pujan) का अभिषेक और पूजन करता है. माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने पर शिव के साधक की सभी मनोकामनाएं बहुत ही जल्दी पूरी होती है. चलिए आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर महादेव का वरदान दिलाने वाली पार्थिव पूजा (Parthiva Puja) की पूजा विधि (parthiv shivling puja) और धार्मिक महत्व क्या है.

यह भी पढ़े : Mahashivratri Puja and Vrat Vidhi 2022: महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को करना है खुश, जानें व्रत की विधि और पूजा का मुहूर्त ये शुभ

महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा विधि 
इस दिन स्नान-ध्यान करने के बाद गंगा, यमुना या फिर गोदावरी वगैराह नदी के किनारे से प्राप्त की गई पवित्र मिट्टी से शिवलिंग बनाया जाता है. किसी पवित्र नदी की मिट्टी लाने के बाद सबसे पहले उसे छान करके शुद्ध किया जाता है. फिर, उसके बाद उसमें गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर शिवलिंग (parthiv shivling puja vidhi) बनाई जाती है. पार्थिव लिंग एक या दो तोला मिट्टी लेकर अंगूठे के बराबर हाथ से बनाया जाता है. पार्थिव शिवलिंग बनाते समय आपका मुंह हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. पार्थिव शिवलिंग बनाते समय भगवान शिव के मंत्र का जाप करते रहें. पार्थिव शिवलिंग तैयार हो जाने के बाद सबसे पहले गणपति की पूजा करें उसके बाद भगवान विष्णु, नवग्रह और माता पार्वती वगैराह का आह्वान करें. इसके बाद पार्थिव शिवलिंग की बेलपत्र, आक के फूल, धतूरा, बेल, कच्चे दूध वगैराह से पूजा करें.

यह भी पढ़े : Mysterious Temples Of India: भारत के इन प्राचीन मंदिरों में छिपा है खौफनाक रहस्य, वैज्ञानिकों का ज्ञान भी हुआ धराशायी

महाशिवरात्रि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व 
महाशिवरात्रि के दिन सनातन परंपरा में भगवान शिव की जितने भी प्रकार से पूजा की विधि बताई गई हैं, उनमें पार्थिव पूजा का सबसे ज्यादा महत्व होता है. शिव पुराण (parthiv shivling puja importance) में भगवान शिव की साधना-आराधना में पार्थिव शिवलिंग पूजन को सभी मनोकामनाओं को बहुत ही जल्दी पूरा करने वाला बताया गया है. पार्थिव शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा करने पर सुख-समृद्धि, धन-धान्य, आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि भगवान शिव से जुड़े पावन दिन, तिथि, काल और रात्रि में पार्थिव पूजन करने पर शिव साधक को कई गुना फल प्राप्त होता है. माना ये भी जाता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से करोड़ों यज्ञ के समान फल मिलता है. ऐसे में भगवान शिव से जुड़े महापर्व यानि महाशिवरात्रि पार्थिव पूजन का फल और भी बढ़ जाता है. 

parthiv shivling puja vidhi parthiv shivling pujan vidhi Parthiv Shivling Puja mahashivratri 2022 parthiv shivling puja importance mahashivratri parthiv shiv puja parthiv shivling pooja vidhi parthiv shivling pujan shivling puja 2022 Happy Mahashivratri 2
Advertisment
Advertisment
Advertisment