Advertisment

Bel Patra On Shivling: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हुए रखें इन बातों का ध्यान, शिव जी हो जाते हैं अप्रसन्न और उठाने पड़ते हैं भारी नुकसान

शिवजी की पूजा में बेलपत्र (belpatra) चढ़ाना सबसे जरूरी होता है. अगर शिवलिंग पर बेलपत्र (belpatra on shivling) और जल चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाए तो धन के अलावा इंसान की अन्य समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.

author-image
Megha Jain
New Update
Bel Patra Importance and Rules for shivling

Bel Patra Importance and Rules for shivling( Photo Credit : social media)

Advertisment

भगवान भोलेनाथ (bholeynath) या शिव जी (shiv ji) अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. आदि देव शंकर को सृष्टि के संघारक के रूप में जाना जाता है. इन्हें प्रसन्न रखने के लिए पूजा अर्चना की जाती है. लेकिन, अगर आपको धन से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी है, तो आपको शिव जी पर बेलपत्र (Bel Patra) जरूर चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र शिव जी की प्रिय चीजों में से एक है. इसका स्थान पूजा में सर्वप्रथम माना जाता है.

यह भी पढ़े : Vat Purnima 2022 Vrat Banyan Tree Significance: वट पूर्णिमा व्रत के दौरान बरगद के वृक्ष का जानें महत्व, हर बाधा होगी दूर

शिवजी की पूजा में बेलपत्र चढ़ाना सबसे जरूरी होता है. अगर शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाए तो धन के अलावा इंसान की अन्य समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. लेकिन, इसका इस्तेमाल भी बड़ी सावधानी से करना चाहिए. वरना आप दोष के भागी (Importance Of Bel Patra) बन सकते हैं. 

यह भी पढ़े : Vat Purnima 2022 Vrat Vishesh Rules: वट पूर्णिमा व्रत में रखें इन विशेष बातों का ध्यान, जीवन में सुख-समृद्धि का होगा वास

इस तरफ से चढ़ाएं बेलपत्र 

बेलपत्र चढ़ाते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि बेलपत्र का जो भाग चिकना हो उसी भाग को शिवलिंग के ऊपर रखें. शास्‍त्रों में बताया गया है कि अगर आपके पास बेलपत्र अधिक नहीं हैं तो एक आप एक ही बेलपत्र को पानी से धोकर बार-बार चढ़ा सकते हैं. कभी भी शिवलिंग पर बिना जल चढ़ाए बेलपत्र (important points related to belpatra) न चढ़ाएं. 

कटा-फटा न हो बेलपत्र 
अगर आप सोमवार की पूजा के दौरान बेलपत्र चढ़ा रहे हैं. तो, इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा नहीं होना चाहिए. अगर आप अधिक बेलपत्र नहीं जुटा पाए हैं तो एक बेलपत्र से भी काम चला सकते हैं, लेकिन ध्‍यान रहे कि यह कहीं से भी कटा फटा नहीं होना चाहिए. 

यह भी पढ़े : Vat Purnima 2022 Vrat Upay: वट पूर्णिमा व्रत के दिन आजमाएं ये उपाय, घर में मौजूद नकारात्मकता और धन की कमी से छुटकारा पाएं

ऐसा न हो बेलपत्र 
कई बार ऐसा होता है कि बेलपत्र एक, तीन या फिर 5 पत्र वाला होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है उतना ही अच्‍छा होता है. इसलिए, शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम ये 3 पत्र वाला होना चाहिए. जब ये 3 पत्र पूरे होते हैं तो इसे एक बेलपत्र माना जाता है. इसके साथ ही भगवान पर चढ़ाए जाने वाले बेलपत्र की संख्या भी 3, 5 या 7 में होनी चाहिए. सम संख्या में बेलपत्र वाली डंडी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. 

इस दिन न तोड़े बेलपत्र  
शास्त्रों में बेलपत्र को तोड़ने को लेकर भी एक नियम बताया है कि कभी भी बेलपत्र सोमवार या फिर चतुर्दशी को नहीं तोड़ना चाहिए. कहा जाता है कि सोमवार और चतुर्दशी तिथि को बेलपत्र तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ाने वाले से शिवजी (Bel Patra on Shivling) अप्रसन्न होते हैं. 

belpatra belpatra importance belpatra important things बेलपत्र के उपाय belpatra shiv ji puja belpatra shivling belpatra shivling puja belpatra shivling direction बेलपत्र Belpatra religion news
Advertisment
Advertisment
Advertisment