जया पार्वती व्रत (Jaya Parvati Vrat 2022) आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है. इस व्रत को रखने वाली सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है. इस साल जया पार्वती व्रत 12 जुलाई 2022, मंगलवार (Jaya Parvati Vrat 2022 july) से शुरु हो रहा है और 16 जुलाई 2022, शनिवार को इसका समापन होगा. ये व्रत लगातार पांच दिनों तक चलता है. जया पार्वती व्रत भी गणगौर, हरतालिका, मंगला गौरी और सौभाग्य सुंदरी व्रत (Jaya Parvati Vrat 2022 ashadh month) की तरह ही होता है.
इस दिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा करती हैं. सुहागिन स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत करती हैं. कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर पाने की चाहत से यह व्रत (Jaya Parvati Vrat 2022) करती हैं. तो, चलिए इस दिन से जुड़ी कथा के बारे में जानते हैं.
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जया पार्वती व्रत 2022 कथा -
पौराणिक कथा के अनुसार एक समय कौंडिल्य नगर में एक बामन नाम का योग्य ब्राह्मण रहता था. उसकी पत्नी का नाम सत्य था. दोनों अपने जीवन में बहुत खुश थे परंतु उनके कोई संतान नहीं थी. एक दिन देव ऋषि नारद ब्राम्हण परिवार से मिलने आए. ब्राह्मण परिवार ने देव ऋषि नारद की यथासंभव खूब सेवा की. लेकिन उनकी सेवा में चिंता का भाव देखकर नारद ने कहा आप कुछ चिंतित दिखाई दे रहे हैं. तभी ब्राम्हण की पत्नी सत्य ने कहा कि क्या मेरी गोद ऐसे ही सुनी रहेगी. मुझे कभी पुत्र नहीं होगा.
नारद ने कुछ विचार किया कहा तुम्हारे नगर के बाहर जो वन है उस के दक्षिणी भाग में एक वृक्ष के नीचे भगवान शिव पार्वती के साथ लिंग स्वरूप में विराजमान हैं. आपको विधि विधान से उनकी पूजा करनी चाहिए. आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी.
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ब्राम्हण और उनकी पत्नी ने विधि विधान से पूजा की. इस पूजा को 5 वर्ष बीत चुके थे. परंतु ब्राम्हण परिवार को पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हुई. लेकिन उन्हें नारद के वचनों पर पूर्ण विश्वास था. इसलिए वह पूजा करते रहे. एक दिन ब्राम्हण जंगल में फूल लेने गया तो उसे सांप ने काट लिया. काफी देर तक जब वह वापस नहीं लौटा तो ब्राह्मणी ने उसकी खोज शुरू की. कुछ दूर जाकर जब ब्राम्हण को मृत देखा तो वहीं विलाप करने लगी. माता पार्वती की आराधना करने लगी. इससे माता पार्वती प्रसन्न हुई और उसके पति को जीवनदान दिया. कुछ समय पश्चात उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई और वह ब्राह्मण परिवार सुख पूर्वक (jaya parvati vrat 2022 katha) रहने लगा.
जया पार्वती व्रत 2022 मां पार्वती ने दिखाई राह -
ब्राह्मणी की पुकार सुनकर वन देवता और मां पार्वती चली आईं और ब्राह्मण के मुख में अमृत डाल दिया, जिससे ब्राह्मण उठ बैठा. ब्राह्मण दंपत्ति ने माता पार्वती का पूजन किया. माता पार्वती ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें वर मांगने के लिए कहा. तब दोनों ने संतान प्राप्ति की इच्छा व्यक्त की. माता पार्वती ने उन्हें विजया पार्वती व्रत करने की बात कही.
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन उस ब्राह्मण दंपत्ति ने विधिपूर्वक माता पार्वती का यह व्रत किया, जिससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई. इस दिन व्रत करने वालों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है तथा उनका अखंड सौभाग्य (jaya parvati vrat 2022 maa parvati raah) भी बना रहता है.