हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha purnima 2022) की तिथि का खास महत्व होता है. हर माह के आखिरी दिन पूर्णिमा का व्रत-अनुष्ठान किया जाता है. इस पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. माना जाता है कि पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-वैभव की प्राप्ति (jyeshtha purnima 2022 vrat) होती है. इसके साथ ही इस दिन चंद्र की पूजा से चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है. वट पूर्णिमा का व्रत पति की लंबी आयु, दांप्तय सुख और पुत्र की कामना के लिए रखा जाता है. तो, चलिए आपको इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त और विशेष संयोग के बारे में बताते हैं.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा 2022 तिथि एवं शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत (jyeshtha purnima 2022 date) 14 जून यानी आज रखा जाएगा. किसी भी व्रत और पूजा के लिए तिथि की उदयातिथि देखी जाती है.
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पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 जून, सोमवार, रात 09 बजकर 02 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन: 14 जून, मंगलवार, शाम 05 बजकर 21 मिनट पर
चंद्रोदय समय: रात 07 बजकर 29 मिनट (Jyeshtha Purnima 2022 Shubh Muhurat) पर होगा
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ज्येष्ठ पूर्णिमा पर विशेष संयोग
सनातन धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व है. माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और व्रत करने से लोगों के सभी पापों का नाश होता है. इसके साथ ही धन से जुड़ी समस्याओं का भी निवारण होता है. पूर्णिमा पर ही साल का आखिरी बड़ा मंगल भी है. इसलिए, इस लिहाज से ये दिन विशेष माना जा रहा है. इस दिन हनुमान जी, विष्णु जी और भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से जातकों को विशेष (Jyeshtha Purnima 2022 vishesh sanyog) लाभ प्राप्त होगा.