साल 2022 के ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा (Jyeshtha purnima 2022) 14 जून यानी मंगलवार को है. इस दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाता है. इस तिथि को जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है. सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना गया है. जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए इस दिन व्रत और पूजा की जाती है. ये दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा को समर्पित होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत एवं दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी बड़ा मंगल और वट पूर्णिमा व्रत भी है. इस दिन कुछ उपाय (jyeshtha purnima 2022 upay) करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
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स्नान और दान
ऐसा कहा जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में आप इस दिन स्नान और पूजा के बाद जरुरतमंदों को दान जरूर करें.
पीपल के वृक्ष की पूजा
शास्त्रों के मुताबिक, पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. ऐसे में इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी.
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मां लक्ष्मी की पूजा
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उनका हल्दी से तिलक करें. अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर वहां रख दे जहां आप अपना धन रखते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी.
इन चीजों का करें दान
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान के बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. इस दिन आप किसी ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान कर सकते हैं. इससे चंद्रमा मजबूत होता है, साथ ही जीवन में सुख एवं समृद्धि (jyeshtha purnima upay 2022) आती है.