हिंदू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज (kajri teej 2022) का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए और और कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए निर्जला व्रत रखती है. हर साल भाद्रपद या भादो मास (kajri teej 2022 vrat) के कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज मनाते हैं. कजरी तीज को बूढ़ी तीज, कजली तीज, सातूड़ी तीज भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस साल कजरी तीज का व्रत 14 अगस्त, 2022 को रखा जाएगा. हरियाली तीज और हरतालिका तीज के समान ही कजरी तीज (kajri teej 2022 dos) भी सुहागिनों के लिए खास माना जाता है.
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कजरी तीज 2022 व्रत नियम -
ये व्रत निर्जला रहकर किया जाता है. हालांकि, गर्भवती स्त्रियां फलाहार रहकर कर सकती हैं. अगर चांद उदय होते नहीं दिख पाए तो रात में लगभग साढ़े 11 बजे आसमान की ओर अर्घ्य देकर व्रत (kajri teej 2022 vrat niyam) को खोला जा सकता है.
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कजरी तीज 2022 करें ये खास काम -
तीज पर महिलाएं पूजा पाठ के बाद लोकगीत जरूर गाएं. इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
विवाहित महिलाएं इस दिन दुल्हन की तरह तैयार होकर देवी पार्वती और शंकर जी की पूजा करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. इस दिन सोलह श्रृंगार (kajri teej 2022 special work) करके पूजा करनी चाहिए.
तीज पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.