वैशाख महीने (vaishakh month 2022) का कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat 2022) बस आने वाला है. हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन भक्त सच्चे मन से रुद्रावतार काल भैरव की पूजा अर्चना करते हैं. काल भैरव को भगवान शिव का पांचवा अवतार कहा जाता है. भगवान काल भैरव की पूजा अर्चना करने से रोग, दोष, अकाल मृत्यु के भय आदि का नाश होता है. भगवान भोलेनाथ के क्रोध स्वरूप काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी. उन्होंने माता सती के पिता एवं राजा दक्ष प्रजापति (kalashtami 2022 time) को दंड देने के लिए ये अवतार लिया था. भगवान काल भैरव की आराधना करने से रोग, दोष, भय वगैराह सभी का नाश हो जाता है. जिन पर काल भैरव की कृपा होती है, उनको अकाल मृत्यु का भी भय नहीं होता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि कालाष्टमी व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त (Kalashtami Vrat 2022 Yog) क्या है.
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कालाष्टमी व्रत की तिथि
वैशाख के महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि 23 अप्रैल को सुबह 6:27 मिनट से शुरु हो जाएगी. जो कि अगले दिन यानी कि 24 अप्रैल को 4:29 पर समाप्त होगी. इस दिन सूर्योदय के आधार पर ही तिथि की मान्यता के मुताबिक कालाष्टमी का व्रत 23 अप्रैल को ही रखा जाएगा. इसी दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव (Kalashtami Vrat 2022 Date) की पूजा की जाएगी.
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कालाष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
वैशाख के महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग साथ में बन रहा है. इसी वजह से 23 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 06 बजकर 54 मिनट से लग रहा है. जो कि अगले दिन 24 अप्रैल को प्रात: 5 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. इस दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 48 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 24 अप्रैल को प्रात: 06 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
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इसी वजह से कालाष्टमी व्रत वाले दिन सुबह से लेकर रात के मुहूर्त में पूजा की जा सकती है. इस दिन का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इस समय में आप कोई भी नया या शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं. हालांकि, सर्वार्थ सिद्धि योग का समय (Kalashtami Vrat 2022 Puja Shubh Muhurat) उत्तम है.