ज्येष्ठ माह (jyeshtha month 2022) शुरु हो चुका है. जिसमें कुछ दिनों के बाद कालाष्टमी व्रत आने वाला है. ये व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. इसमें भगवान शिव के रुद्रावतार बाबा काल भैरव की (Kalashtami 2022) पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भैरवनाथ भगवान भोलेनाथ के क्रोध से उत्पन्न हुए हैं. काल भैरव का मतलब काल रूपी भय को हरने वाला होता है. काशी के कोतवाल के रूप में माने जाने वाले बाबा काल भैरव की पूजा का मनोवांछित फल (kalashtami vrat 2022 may) प्राप्त होता है.
यह भी पढ़े : Shreyansnath Bhagwan Chalisa: श्रेयांसनाथ भगवान की रोजाना पढ़ेंगे ये चालीसा, पूरी हो जाएगी सारी अभिलाषा
माना जाता है कि ज्येष्ठ मास की कालाष्टमी के व्रत से कष्ट, दुख, भय, पाप और नकारात्मकता दूर हो जाती है. बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय, कष्ट, दुख, पाप, नकारात्मकता आदि दूर होती है. उनके आशीष से शत्रु भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. कालाष्टमी व्रत को काल भैरव जयंती (Jyeshtha Kalashtami Vrat 2022) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान भैरव के भक्त उपवास रखते हैं और विधि-विधान से काल भैरव की पूजा अर्चना करते हैं. तो, चलिए आपको बताते हैं कि कालाष्टमी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त (Kalashtami 2022 Puja Muhurat) क्या है.
कालाष्टमी व्रत 2022 तिथि
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का आरंभ 22 मई दोपहर 12:59 से होगा. वहीं कृष्ण पक्ष की अष्टमी का समापन 23 मई सुबह 11:34 पर होगा. कालाष्टमी का व्रत 22 मई को रखा जाएगा और इसका पारण 23 मई को किया (Kalashtami 2022 Date) जाएगा.
यह भी पढ़े : Sankashti Chaturthi 2022 Upay: एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर करें ये खास उपाय, बिजनेस से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाएं
कालाष्टमी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी व्रत के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 22 मई को द्विपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 27 मिनट से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इंद्र योग सुबह से लेकर अगले दिन 23 मई को सुबह 03:00 बजे तक है. वहीं धनिष्ठा नक्षत्र रात 10 बजकर 47 मिनट तक है. ये दोनों ही योग और नक्षत्र पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं. इसी दिन सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर कालाष्टमी व्रत की पूजा की जा सकती है. वैसे भी बाबा भैरवनाथ को स्वयं महाकाल हैं. उनकी पूजा के लिए राहुकाल या मुहूर्त आदि देखना एक (kalashtami 2022 shubh muhurat) औपचारिकता है.