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Kark Sankranti 2022 Vrat Niyam and Lord Vishnu Puja: कर्क संक्रांति के व्रत में करेंगे इन नियमों का पालन, सारे बिगड़े काम जाएंगे बन

सावन के महीने में कर्क संक्रांति (sawan kark sankranti 2022) इस बार 16 जुलाई की है. इस दिन भक्तों के साथ भगवान विष्णु की पूजा (lord vishnu puja) की जाती है और आशीर्वाद के लिए उपवास किया जाता है.

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Megha Jain
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Kark Sankranti 2022 Vrat Niyam and Vishnu Bhagwan Puja

Kark Sankranti 2022 Vrat Niyam and Vishnu Bhagwan Puja( Photo Credit : social media)

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सावन के महीने में कर्क संक्रांति (kark sankranti 2022) इस बार 16 जुलाई की है. सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के दिन को कर्क संक्रांति कहते हैं. सूर्य देव रात के समय 10 बजकर 56 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए पुण्यकाल दोपहर के बाद से ही मान्य होगा. इस बार संक्रांति के दिन शनिवार पड़ रहा है. इस दिन से सूर्य देव की दक्षिणी यात्रा (sawan 2022 kark sankranti) शुरू होती है, जिसे दक्षिणायन भी कहा जाता है. इस दिन भक्तों के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और आशीर्वाद के लिए उपवास किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन अन्न और वस्त्र दान करना अत्यंत फलदाई होता है. कर्क संक्रांति को श्रावण संक्रांति (Shravan Sankranti) भी कहते हैं. तो, चलिए इस दिन व्रत रखने के नियमों (Kark Sankranti 2022 Date) को जान लें.  

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कर्क संक्रांति 2022 व्रत के नियम - (kark sankranti 2022 vrat niyam) 

इस दिन कुछ भी नया या महत्वपूर्ण शुरू करने से बचने की सलाह दी जाती है. 

इस दिन, भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पूजा के दौरान विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र का जाप किया जाता है. इससे भक्तों को शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. 

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अगर आप अपने जीवन से सभी तरह के पापों से मुक्ति चाहते हैं. तो, कर्क संक्रांति के दिन सूर्योदय में पवित्र स्नान करना चाहिए. 

कर्क संक्रांति पर भगवान विष्णु के साथ-साथ सूर्य देव की भी पूजा की जाती है और स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए पूजा की जाती है.

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माना जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन में जाने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव तेज हो जाता है. शुभ शक्तियां कम हो जाती हैं. 

कहा जाता है कि इस दिन विशेष रूप से ब्राह्मणों को अनाज, वस्त्र और तेल सहित सभी प्रकार के दान करने चाहिए.

दक्षिणायन की कुल अवधि छह महीने की होती है. माना जाता है कि दक्षिणायन से देवताओं की रात्रि शुरू हो जाती है. 

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कर्क संक्रांति के दिन होती है भगवान विष्णु की पूजा -

कर्क संक्रांति पर पूजा और उपवास का उद्देश्य उन सभी बुरे पहलुओं से राहत पाना है जो आपको या आपके परिवार को प्रभावित कर सकते हैं. भगवान विष्णु को समर्पित मंदिरों में इस दिन पूजा करने के लिए भक्तों की भीड़ होती है. इसके अलावा, कर्क टक संक्रांति पर भगवान वराह स्वामी की पूजा (kark sankranti 2022 vishnu puja) की जाती है.    

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