हिंदू शास्त्रों की बात करें तो शनिदेव (shani jayanti 2022) को न्याय का देवता माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव का सभी नवग्रहों में अहम स्थान है. माना जाता है कि शनिदेव हर इंसान को उसके कर्मों का फल जरूर देते हैं. ये भी कहा जाता है कि शनि देव अच्छे कर्मों के लिए अच्छे फल देते हैं. वहीं जो व्यक्ति बुरे काम करता है तो, उसे अपने कर्मों का फल (shani mahamantra) भुगतना पड़ता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती 30 मई (Shani Dosh Ke Upay) को मनाई जाएगी.
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माना जाता है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए ये मंत्र ही काफी हैं. इन मंत्रों के जाप (shani mantra 108 times) से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या तथा शनि की महादशा से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. तो, चलिए जान लें कि शनि जयंती के दिन आपको किन मंत्रों (Shani Dev Mantra) का जाप करके शनिदेव को प्रसन्न करना है.
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शनि देव के मंत्र (shani jayanti 2022 mantra jaap)
शनि बीज मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र: ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि का वैदिक मंत्र: ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
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अच्छी सेहत के लिए शनि के इस मंत्र का जाप करें (shani beej mantra)
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्। दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
शनि गायत्री मंत्र: ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
तांत्रिक सिद्धि के लिए शनि मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि का पौराणिक मंत्र (shani nivaran mantra)
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
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शनिदोष के निवारण के लिए इस मंत्र का जाप करें (shani maha mantra)
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
शनि महामंत्र: ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥