हिंदू धर्म के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत (Nirjala Ekadashi Vrat 2022) ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. माना जाता है कि इस एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi 2022 Vrat) को करने से सभी पापों से मुक्त मिलती है और पुण्य का लाभ भी होता है. इस बार ये व्रत 10 जून को रखा जाएगा. मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में खास माना जाता है और ये सभी एकादशी व्रतों में से सबसे कठिन व्रत होता है. तो, चलिए आपको इस दिन के महत्व और पूजन सामग्री की लिस्ट के बारे में बताते हैं.
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निर्जला एकादशी व्रत 2022 महत्व
धार्मिक मन्यताओं के मुताबिक, निर्जला एकादशी (nirjala ekadashi 2022 vrat importance) को काफी विशेष माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है. कहा जाता है कि जो लोग इस व्रत को विधिपूर्वक करते हैं. उनकी हर इच्छा पूरी होती है. क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ दिनभर बिना जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है.
इसे भीमसेनी एकादशी (bhimeseni ekadashi 2022) के नाम से भी जानते हैं क्योंकि इस निर्जला एकादशी को पांडव पुत्र भीम ने रखा था. लेकिन वे मूर्छित हो गए थे. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इसके साथ ही सुख-समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली का आशीर्वाद मिलने के साथ हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है. शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति (nirjala ekadashi 2022 vrat significance) होती है.
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निर्जला एकादशी 2022 पूजन सामग्री
निर्जला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा (nirjala ekadashi 2022 vrat samagri list) की जाती है. माना जाता है कि नियम पूर्वक व्रत रखते हुए विधि–विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो भक्त की सभी मनोकामना पूरी होती है. भगवान विष्णु की कृपा से भक्त के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इसके साथ ही सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. भक्तों को विष्णु भगवान की पूजा में इन पूजन सामग्रियों का उपयोग जरूर करना चाहिए.
इस पूजन सामग्री में भगवान विष्णु का चित्र, नारियल (जल युक्त), फूल, फल, धूप, दीप, कपूर, पंचामृत, तुलसी के पत्ते (एकादशी तिथि में नहीं तोड़ी जाती है), पान, सुपारी, लौंग, चंदन, घी, अक्षत और मिठाई (nirjala ekadashi 2022 vrat pujan samagri) शामिल है.