सावन का महीना (sawan 2022) चल रहा है. ऐसे में श्रावण शुक्ल नवमी नाग पंचमी के चार दिन बाद आती है. जिसमें सांपों के सबसे बड़े शत्रु नेवले (Niuri Navami 2022) की पूजा की जाती है. पुत्रवरी स्त्रियां बड़े मनोयोग से इस व्रत को करती है. इनकी पूजा में गुड और घी का विशेष महत्व होचा है. इस व्रत (Niuri Navami 2022 vrat) में उरद और चने की दाल की पिट्ठी भरी कचौड़ियां खाई जाती है. सावन में नवमी तिथि को इस पूजा के कारण ही इसे निउरी नवमी कहा जाता है. इस दिन प्रातः स्नान के बाद कलश स्थापना करके सबसे पहले गणेश जी का पूजन किया जाता है. इस बार सावन मास की नवमी तिथि 6 अगस्त (Niuri Navami 2022 puja) को है. तो, चलिए इस दिन से जुड़ी कथा को पढ़ते हैं.
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निउरी नवमी 2022 व्रत कथा -
एक किसान के यहां बच्चे का जन्म होते ही उन्हें सांप खा जाते थे. जिससे वो काफी परेशान था. उसने विचार करके एक नेवला पाल लिया. जिन्हें सांप का भय नहीं था. एक दिन किसान की पत्नी खेत में पति को भोजन देने गई. मौका पाकर सांप बच्चे को खाने के लिए आया, किंतु वहां नेवला सतर्क था. नेवला ये बात जानता था कि उसे इस घर में क्यों पाला गया है. नेवले ने सांप पर हमला किया और उसके टुकड़े-टुकड़े कर डाले. अपनी मालकिन को अपनी बहादुरी दिखाने के लिए खून से सना हुआ मुंह लेकर वह मकान के दरवाजे पर बैठ गया. मानों कि वह मालकिन को अपनी बहादुरी बताना (Niuri Navami 2022 katha) चाहता हो.
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किसान की पत्नी खेत में पति को खाना देने के बाद घर लौटी तो द्वार पर ही नेवले का मुंह खून से सना हुआ देख कर भयभीत हो गई. उसे लगा कि नेवले ने उसके बच्चे को मार डाला. बस इसी क्रोध में उसने हाथ के बर्तन नेवले पर फेंक कर मारे. नेवला बर्तन की मार न सह सका और उसने वहीं पर दम तोड़ दिया.
किसान की पत्नी दौड़ी-दौड़ी घर के अंदर गई तो देखा बच्चा तो खेल रहा है और उसके पास में मरे हुए सांप के टुकड़े पड़े हैं. उसे बड़ा पछतावा हुआ. एक दिन सपने में नेवले ने कहा कि जो हुआ उसे भूल जाओ. आज के दिन पुत्रवती स्त्रियां और माताएं मेरा चित्र बना कर पूजा करेंगी तो उनके पुत्र की रक्षा होगी. तभी से नेवले की पूजा (Niuri Navami 2022 sawan) होती आ रही है.