कल 1 मार्च, 2022 को देशभर में महाशिवरात्रि (mahashivratri 2022) का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाएगा. ये त्योहार खास तौर से सनातन धर्म में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव अजन्में है, इसका अर्थ है कि जन्म लेने से पहले भी शिव है और मृत्यु के बाद भी शिव हैं. ये सृष्टि रहे ना रहे किन्तु शिव सदैव थे, हैं और रहेंगे. इसलिए माना जाता है कि शिवरात्रि (1 march 2022 mahashivratri) के इस पावन अवसर पर भगवान शिव का प्राकट्य एक प्रकाश के लिंग स्वरुप में हुआ था. इसलिए विश्व भर में शिव भक्तों द्वारा शिवरात्रि (shivratri 2022) का त्योहार पूरी श्रद्धा के साथ धूमधाम से मनाया जाता है.
वैसे तो ये पर्व सनातन धर्म में खास महत्व रखता है. लेकिन, साल 2022 (panchgrahee yog 1 march 2022) में इस महान पर्व पर 120 साल बाद बन रहे ग्रहों के ये दुर्लभ संयोग इस पर्व की महत्वता को कई गुना बढ़ा रहे हैं. महाशिवरात्रि पर बन रहे इस विशेष योग में भगवान शिव की विधि के अनुसार पूजा करके शत्रुओं को नाश कर, भक्तों को चारों ओर प्रसिद्धि दिलाने वाली है.
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पंचग्रही योग
इस साल महाशिवरात्रि पर सैंकड़ों सालों के बाद पंचग्रही योग आ रहा है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब पांच ग्रह किसी एक ही राशि में एक साथ होते हैं तो इसे पंचग्रही योग कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आमतौर पर पंचग्रही योग शुभ फल देने वाले ही होते है लेकिन कभी-कभी ये योग निगेटिव इफेक्ट भी दे देते हैं. हालांकि इस बार मकर राशि (panchgrahee yog) में मंगल, शनि, बुध, शुक्र और चंद्रमा की उपस्थिति में बनने वाला यह योग सभी के लिए सुख-समृद्धि, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा बढ़ने वाला सिद्ध होगा.
परिघ योग
परिघ योग महाशिवरात्रि के दिन दोपहर 11 बजकर 18 मिनट तक रहने वाला है. मान्यताओं के अनुसार इस योग में पूजा करने से शत्रुओं पर विजय हासिल होती है. इस योग में महादेव की पूजा करके लोग अपने रुके हुए कामों को सफलतापूर्वक पूरा (parigh yog) कर सकते हैं.
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शिव योग
इस दिन कन्या और वृषभ राशि में शिव योग बनने जा रहा है. जो 1 मार्च, 2022 को 11 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 02 मार्च, 2022 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. शिव योग किसी भी तरह के मांगलिक काम को करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. महाशिवरात्रि पर कन्या और वृषभ राशि के लोगों के लिए इस योग का बनना बहुत शुभ (shiv yog) फलदायी रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धी योग
इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन सिद्धी योग भी बनने जा रहा है. जो ज्योतिषशास्त्र में विशेष फल देता है और मन की सभी इच्छाओं को पूरा करता है. माना जाता है कि इस योग में नए काम शुरू करने से पूर्व जातकों को शुक्र अस्त, पंचक या भद्रा वगैराह को देखने की जरूरत नहीं (sarvarth siddhi yog) पड़ती है.
केदार योग
पंच ग्रहों के एक साथ एक ही राशि में होने से केदार योग भी बनने जा रहा है. जिसे शिव पूजा के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. केदार योग (kedar yog) में की गई पूजा लोगों के जीवन में भौतिक सुख-सुविधा को बढ़ाती है.