जन्माष्टमी के त्योहार (Janmashtami 2022) में केवल एक ही दिन बचा है. कल यानी कि 19 अगस्त को ये त्योहार पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ ही मंदिरों को भी सजाया जाता है. साथ ही झाकियां भी सजाई जाती हैं और कान्हा का यथासंभव श्रृंगार भी होता है लेकिन, यहां जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वहां राधा-कृष्ण का श्रृंगार 100 करोड़ के बेश्कीमती गहनों (Radha Krishna adorned with ornaments worth 100 crores) से किया जाता है. जन्माष्टमी के दिन विशेष रूप से गहनों को बैंक से निकाला जाता है और उन्हीं गहनों से भगवान का श्रृंगार किया जाता है. तो, चलिए ग्वालियर के फूलबाग में स्थित गोपाल मंदिर (Madhya Pradesh Radha Krishna Temple) के इतिहास और खासियत के बारे में जानते हैं.
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जन्माष्टमी के दिन होने वाली भगवान की विशेष पूजा और श्रृंगार को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां भगवान राधा-कृष्ण को हीरे, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम, सोना-चांदी जड़ित गहनों के साथ सजाया जाता है. यहां सोने और हीरे से जड़ा मुकुट भगवान को पहनाया जाता है. मंदिर में भगवान के श्रृंगार को फेसबुल लाइव से भी दिखाया जाता है. 100 करोड़ रुपए के गहनों से श्रृंगार के समय भगवान राधा-कृष्ण सुरक्षा में पुलिस-फोर्स को लगाया जाता है. गोपाल मंदिर का निर्माण (Shri Krishna Shringar) सिंधिया राजवंश ने सन् 1921 में कराया था. इसके बाद सिंधिया रियासत के महाराज माधवराव ने इसका जीर्णोद्धार कराया और भगवान के लिए बेशकीमती गहने में हीरे और पन्ना जड़ित कराए गए थे.
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आजादी के बाद सिंधिया राजवंश ने इस मंदिर की देख-रेख और कीमती गहनों को भारत सरकार को सौंप दिया था. जिसके बाद उन्हें जिला कोषालय के लॉकर में रखा गया और हर जन्माष्टमी पर भगवान के श्रृंगार के लिए इसे कोषागार से निकाला जाता है और जन्माष्टमी (Worship of Lord Shri Krishna) के बाद इसे वापस कोषागार में रख दिया जाता है.