हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) रखा जाएगा. इस रवि प्रदोष व्रत (ravi pradosh vrat 2022) के दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है. पंचांग के मुताबिक इस दिन शिव और साध्य योग का खास संयोग बन रहा है. माना जाता है कि ये दोनों शुभ योग व्रत और मांगलिक कार्यों के लिए विशेष शुभ होता है. बता दें कि इस व्रत को रखने से लोगों के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही उनकी जो भी मनोकामना होती है वो पूरी हो जाती है.
रवि प्रदोष व्रत (pradosh vrat june 2022) रखने से उत्तम स्वास्थ्य, आरोग्य और लंबी उम्र प्राप्त होती है. ये दिन रविवार को शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ रहा है. इसी कारण जो प्रदोष व्रत आ रहा है वो रवि प्रदोष व्रत है. तो, चलिए आपको इस दिन की शुभ तिथि और मुहूर्त के बारे में बताते हैं.
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रवि प्रदोष व्रत 2022 तिथि एवं शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ प्रदोष व्रत 12 जून को पड़ रहा है. रवि प्रदोष व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 19 मिनट से रात 9 बजकर 20 मिनट तक है. रवि योग (Ravi Pradosh Vrat 2022 date) का शुभ संयोग रात 11 बजकर 58 मिनट से लेकर अगली सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक है. वहीं त्रयोदशी तिथि का आरंभ 12 जून को सुबह 3 बजकर 23 मिनट से हो रहा है. जबकि त्रयोदशी तिथि का समापन 13 जून को रात 12 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है. प्रदोष व्रत की पूजा शाम (Ravi Pradosh Vrat 2022 shubh muhurat) के समय ही की जाती है.
रुद्राभिषेक का समय
प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का विधान होता है. इस दिन शिववास देखा जाता है. तभी रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. ऐसे में अगर इस दिन शिववास है तो रुद्राभिषेक कराया जा सकता है. पंचांग के मुताबिक, 12 जून को शिववाल नंदी पर रात 12 बजकर 26 मिनट पर है. माना जाता है कि नंदी पर विराजमान शिव का रुद्रभिषेक करना शुभ होता है. इसके अलावा इस दिन सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर कैलाश पर शिववास हो रहा है. नंदी पर विराजमान शिववास की अवधि में भी रुद्राभिषेक (Pradosh Vrat 2022 Rudrabhishek Time) किया जा सकता है.