कल यानी कि 19 अगस्त को देशभर में जन्माष्टमी (janmashtami 2022) का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाएगा. ऐसे में कृष्ण की राधा के साथ लीलाएं और राधा की कृष्ण के लिए दीवानगी किसी से छुपी नहीं है. आज भी उनके अमर प्रेम उदाहरण लोग देते हैं. भले ही ये एक-दूसरे के कभी हो नहीं सके, लेकिन फिर भी इनका नाम साथ में ही लिया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह थी. जिसके चलते राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी (janmashtami 2022 radha krishna vivah) अधूरी रह गई? ये तो खैर किसी को नहीं पता. लेकिन, इस बात का जवाब गर्ग संहिता और पुराणों (janmashtami 2022 Krishan leela) में दिया गया है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि आखिर राधा-कृष्ण की शादी क्यों नहीं हो सकी?
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब राधा-कृष्ण बालपन में मिले थे तभी उन्हें अपने प्रेम का अभास हो गया था. राधा-कृष्ण से उम्र में 11 महीने बड़ी थी और दोनों का प्रेम आध्यात्मिक था. इसलिए, वे कभी शादी के बंधन में नहीं बंधे.
ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक, राधा का विवाह यशोदा के भाई रायान गोपा से हो गया था. जिसके बाद राधा रिश्ते में कृष्ण की मामी लगने लगी थी. इसलिए भी उन्होंने शादी नहीं की. ऐसा भी कहा जाता है कि राधा ने अपना घर छोड़ दिया था और एक परछाई अपने घर पर छोड़ी थी. उसी से गोपाल की शादी (Radha Krishna not get married) की गई थी.
गर्ग संहिता के अनुसार, श्री कृष्ण जब बचपन में नंद बाबा की गोद में खेल रहे थे. तभी उन्हें एक अद्भुत शक्ति का आभास हुआ. जो कोई नहीं बल्कि राधा थीं. वो तुरंत ही बाल अवस्था को छोड़कर यौवनावस्था में आ गए. ऐसा माना जाता है कि इसी समय ब्रह्मा जी ने राधा-कृष्ण का विवाह करवाया था. विवाह होने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया. विवाह के बाद ही ब्रह्मा जी और राधा जी भी अंतरध्यान हो गए और कृष्ण भी अपनी बाल अवस्था में वापस आ गए.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राधा को रुक्मणी का आध्यात्मिक अवतार भी माना जाता है. इन कथाओं की मानें तो राधा-कृष्ण का विवाह सीधे तौर पर तो नहीं हुआ लेकिन, दोनों जीवन भर एक-दूसरे से प्रेम करते रहे.
श्री कृष्ण जी ने रूक्मणी से विवाह इसलिए भी किया था क्योंकि वे जानते थे कि रूक्मणी ही राधा है. दरअसल, राधा का ही एक स्वरूप रूक्मणी थीं.
पुराणों के अनुसार, जब श्री कृष्ण जी वृन्दावन छोड़कर जा रहे थे तब, उन्होंने राधा से वादा किया था कि वे लौटकर आएंगे. लेकिन, उनकी मुलाकात रुक्मणी से हुई जो मन ही मन उन्हें अपना पति मान चुकी थीं. जब रूक्मणी का विवाह किसी दूसरे से कराया जा रहा था तब कृष्ण जी वहां पहुंच गए और उन्होंने उनसे शादी (Krishna Janmashtami 2022) कर ली.