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Sawan Sankashti Chaturthi 2022 Date, Shubh Muhurat and Puja Vidhi: संकष्टी चतुर्थी के व्रत में अपनाएं ये पूजा विधि, लाभ होगा प्राप्त और हर मनोकामना होगी पूरी

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा (sankashti chaturthi 2022 lord ganesha puja) का विधान होता है. भगवान गणेश भक्तों के लिए विघ्नहर्ता माने जाते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत (sankashti chaturthi 2022 date) रखने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं.

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Megha Jain
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sankashti chaturthi 2022 date, shubh muhurat and puja vidhi

sankashti chaturthi 2022 date, shubh muhurat and puja vidhi( Photo Credit : social media)

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हिंदू शास्त्र के मुताबिक, सावन में कर्क संक्रांति के बाद संकष्टी चतुर्थी का व्रत (sankashti chaturthi 2022) रखा जाता है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश जी के निमित्त व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा (sankashti chaturthi 2022 lord ganesha puja) का विधान होता है. इस दिन भक्तगण सुख, शांति और समृद्धि के लिए एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. भगवान गणेश भक्तों के लिए विघ्नहर्ता माने जाते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन से विघ्न और बाधाओं को दूर कर देते हैं. तो, चलिए इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि (Sankashti Chaturthi 2022 July) के बारे में बताते हैं. 

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संकष्टी चतुर्थी 2022 तिथि एवं शुभ मुहूर्त -

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के महीने में संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 जुलाई को रखा जाएगा. चतुर्थी तिथि का आरंभ 16 जुलाई, शनिवार (Sankashti Chaturthi 2022 date) को दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से हो रहा है. वहीं चतुर्थी तिथि की समाप्ति 17 जुलाई, रविवार को सुबह 10 बजकर 49 मिनट (Sankashti Chaturthi 2022 shubh muhurat) पर होगी. उदया तिथि के आधार पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा.  

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संकष्टी चतुर्थी 2022 पूजा विधि - 

संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान किया जाता है. जिसके बाद पूजा स्थान की साफ-सफाई करके और गंगाजल छिड़कते हैं. फिर गणेश जी को वस्त्र पहनाएं और मंदिर में दीप प्रज्वलित किया जाता है. इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. 

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इसके पश्चात इस दिन भगवान गणेश का सिंदूर से तिलक करके उन्हें पुष्प, अक्षत, दूर्वा, फूल माला अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद उनकी पूजा की जाती है. पूजन के बाद गणेश जी की आरती की जाती है. इस दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन गणपति जी को मोदक और दूर्वा अर्पित करने से संकट दूर होते हैं. दूर्वा गणेश जी बेहद प्रिय है इसलिए 21 दूर्वा की गांठ अर्पित (Sankashti Chaturthi 2022 puja vidhi)  की जाती है. 

इसके अलावा इस व्रत के दौरान पूरे दिन फलाहारी रखकर अगले दिन व्रत का पारण करें. इसके साथ ही पारण के दिन सुबह पुनः भगवान गणेश जी की विधिवत पूजा करें और गलती के लिए क्षमा याचना करें. 

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