सावन माह (sawan 2022) की अमावस्या को हरियाली अमावस्या (hariyali amavasya 2022) कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान होता है. माना जाता है कि ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस साल हरियाली अमावस्या 28 अप्रैल (sharavan hariyali amavasya 2022 date) को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पीपल के मूल भाग में जल, दूद चढ़ाने से पितृ तृप्त होते हैं. शाम के समय सरसों के तेल को जलाने से शनिदेव शांत हो जाते हैं. तो, चलिए इस दिन भगवान की पूजा (sharavan hariyali amavasya 2022 vrat) विधि और शुभ योग के बारे में जानते हैं.
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हरियाली अमावस्या 2022 पूजा विधि -
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए. सुहागिन महिलाओं को माता पार्वती की पूजा करने के बाद सुहाग सामग्री बांटनी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन जो भी महिला सुहाग सबंधी सामग्री जैसे हरी चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी बांटती है उसके सुहाग की आयु लंबी होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है. हरियाली अमावस्या के दिन पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. साथ ही प्रसाद में मालपुआ का भोग लगाना चाहिए. जो लोग इस दिन उपवास रखते हैं वो शाम को भोजन ग्रहण करके (sharavan hariyali amavasya 2022 puja vidhi) अपना व्रत खोलते हैं.
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हरियाली अमावस्या 2022 योग -
श्रावण मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 जुलाई 2022 बुधवार रात 09:11 से होगी. सावन अमावस्या तिथि समापन 28 जुलाई 2022 गुरुवार की रात 11:24 को होगा. इस दिन गुरु पुष्य का शुभ योग भी बन रहा हैं. पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना जाता है इसलिए इस योग में तर्पण, पिंडदान करना पुण्यकारी माना गया है. सावन अमावस्या यानी की 28 जुलाई 2022 को सुबह 07:05 तक पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से दो शुभ योग (sharavan hariyali amavasya 2022 shubh yog) बनेंगे.