स्कंद षष्ठी का व्रत प्रत्येक माह (Skand shashthi vrat 2022) की षष्ठी तिथि को रखा जाता है. इस महीने ये व्रत ज्येष्ठ शुक्ल षष्ठी को रखा जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक स्कंद षष्ठी का व्रत संतान की उन्नति और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है. स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा की जाती है. पंचांग के मुताबिक इस महीने ये व्रत 5 जून (skand shashthi vrat 2022 date) यानी रविवार को रखा जाएगा. तो, चलिए आपको बताते हैं कि पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा विधि क्या है और किन मंत्रों का जाप (skanda shashti june 2022) करना चाहिए.
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स्कंद षष्ठी व्रत 2022 पूजा विधि
स्कंद षष्ठी की पूजा में सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर पर लाल चंदन, अक्षत, फूल, फल और मोर पंख आदि अर्पित करें. इसके बाद धूप-दीप से आरती करें. इसके बाद भगवान के समक्ष बैठकर षष्ठी स्रोत का पाठ करें. माना जाता है कि इस स्त्रोत के पाठ से संतान संकट से मुक्ति मिलने के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कार्तिकेय के प्रिय वाहन मोर की पूजा करने से संतान पर आई विपत्तियों का नाश (skand shashthi 2022 puja vidhi) होता है.
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स्कंद षष्ठी व्रत 2022 मंत्र जाप
भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र (skand shashthi 2022 mantra jaap)
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥