चैत्र शुक्ल की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2022) का व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है. भगवान कार्तिकेय का दूसरा नाम स्कंद भी है. इसलिए, इस व्रत को स्कंद षष्ठी का नाम दिया गया है. इसके अलावा इस व्रत को संतान षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है. इस साल स्कंद षष्ठी का व्रत 7 अप्रैल को रखा जाएगा. परिवार में सुख-शांति और संतान प्राप्ति के लिए भी स्कंद षष्ठी का व्रत खास है. तो, चलिए संतान षष्ठी व्रत के बारे में आपको (skanda sashti 2022 upay) बताते हैं.
यह भी पढ़े : Lord Brihaspati Chalisa: गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पढ़ें ये चालीसा, धन प्राप्ति के बनेंगे योग और बरसेगी कृपा
स्कंद षष्ठी व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि की शुरुआत 6 अप्रैल शाम 6 बजकर 4 मिनट से हो रही है. वहीं षष्ठी तिथि का समापन 7 अप्रैल शाम 8 बजकर 32 मिनट पर होगा. उदया तिथि होने के कारण स्कंद षष्ठी के निमित्त व्रत 7 अप्रैल (skanda sashti 2022 shubh muhurat) को रखा जाएगा.
यह भी पढ़े : Guruwar Special Upay: गुरुवार के दिन विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए करें ये चमत्कारी उपाय, आर्थिक तंगी से छुटकारा पाएं
स्कंद षष्ठी व्रत की विधि
इस दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान कर लें. इसके बाद भगवान कार्तिकेय का ध्यान करते हुए संकल्प करें. फिर पूजा स्थल पर विधिवत मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें. इसके बाद भगवान कार्तिकेय की पूजा करें. इनकी पूजा के दौरान इन्हें सबसे पहले जल अर्पित करें. इसके बाद फूल, माला, फल आदि अर्पित करें. फिर अपनी श्रद्धा के मुताबिक भोग लगाएं. अंत में धूप, दीप दिखाकर (Skanda Sashti 2022 puja vidhi) मंत्र का जाप करें.
यह भी पढ़े : Chaitra Navratri 2022 Ashtami Muhurat and Kanya Pujan Vidhi: चैत्र नवरात्रि के दौरान 9 अप्रैल को मनाई जाएगी अष्टमी, जानें इस दिन का सही शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन विधि
स्कंद षष्ठी का मंत्र (skanda sashti mantra)
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तुते