सावन (sawan 2022) का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है. जिसमें कल 25 जुलाई को दूसरा सोमवार है. इस दिन पहला प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat 2022) पड़ रहा है. माना जाता है कि इस व्रत में शिव जी और मां पार्वती की आराधना करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं. माना जाता है कि विधिवत सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन की तमाम बाधाएं स्वतः दूर हो जाती है. इसके साथ ही भक्तों मनवांछित फल की प्राप्ति (sawan som pradosh vrat 2022) होती है. तो, चलिए इस दिन की पूजा विधि, सामग्री और महत्व के बारे में जानते हैं.
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सोम प्रदोष व्रत 2022 पूजा- विधि - (sawan som pradosh vrat 2022 puja vidhi)
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें.
स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें.
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
अगर संभव है तो व्रत करें.
भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें.
भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें.
इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.
भगवान शिव की आरती करें.
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.
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सोम प्रदोष व्रत 2022 पूजा- सामग्री - (sawan som pradosh vrat 2022 puja samagri)
इस दिन की पूजा सामग्री में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती, फल शामिल करें.
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सोम प्रदोष व्रत 2022 महत्व -
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से संतान पक्ष को भी लाभ होता है. इस व्रत को करने से भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष कृपा (sawan som pradosh vrat 2022 importance) प्राप्त होती है.